बांकेबिहारी की कलाई पर सजेंगी डेढ़ हजार बहनों की राखी
मंदिर में बढ़ने लगी भक्तों की भीड़
जागरण संवाददाता, वृंदावन: रक्षाबंधन का पर्व निराला है, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर समृद्धि और सुरक्षा का भरोसा मांगती है। दुनिया में ऐसी भी बहनें हैं, जिनके भाई नहीं। वह बहनें राखी के इस पवित्र बंधन से दूर रह जाती हैं। ऐसी बहनों ने ठा. बांकेबिहारीजी को अपना भाई मान लिया और हर साल अपने भाई को राखी भेजकर उनसे समृद्धि और परिवार की सुरक्षा का दायित्व सौंपती हैं। इस बार करीब डेढ़ हजार राखियां अब तक मंदिर कार्यालय में डाक व कोरियर के जरिए पहुंच चुकी हैं। सैकड़ों बहनें रक्षाबंधन के दिन खुद आराध्य के चरणों में राखी अर्पित करने को मंदिर पहुंचेंगी। तीर्थनगरी में भी चलन है कि भाई के राखी बांधने से घर में पूजे जाने वाले पहले लड्डूगोपाल को राखी बांधी जाएगी। लड्डूगोपाल को राखी बांधने के बाद ही बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधेंगी।
बांकेबिहारी मंदिर के सहायक प्रबंधक उमेश सारस्वत के अनुसार ठा. बांकेबिहारीजी को अर्पित करने के लिए देश दुनिया से हजारों महिलाओं की राखियां आने का क्रम लगातार बना हुआ है। कई जगहों से कोरियर से राखियां ठाकुरजी को अर्पित करने के लिए महिलाओं ने भेजी हैं। कहा कि रक्षाबंधन पर हर साल इसी तरह से देशभर से राखियां आने का सिलसिला चलता रहता है। करीब डेढ़ हजार राखियां इस साल अब तक पहुंच चुकी हैं। लगातार आ रही राखियों को रक्षाबंधन पर वे मंदिर सेवायत को सोंप देंगे, जो इन राखियों को ठाकुरजी के चरणों में अर्पित करेंगे।