एक साथ 150 अपीलों पर 26 को होगी सुनवाई
गऊ घाट निवासी 72 वर्षीय आरटीआइ कार्यकर्ता रामगोपाल राजपूत की कहानी माउंटेन मैन दशरथ मांझी से कम नहीं है। उसने भी जिद जुनून और धैर्य के साथ पहाड़ का सीना चीर दिया था तो इन्होंने भी 17 वर्ष के अथाह संघर्ष के बाद शासन को उन्हें सुनने के लिए झुका दिया। झुकाया भी ऐसा कि इतिहास में शायद यह ऐसा पहली बार होगा जब एक ही आवेदक की 150 अपीलों पर राज्य सूचना आयुक्त लखनऊ एक ही दिन सुनवाई करेगा।
मथुरा: गऊ घाट निवासी 72 वर्षीय आरटीआइ कार्यकर्ता रामगोपाल राजपूत की कहानी माउंटेनमैन दशरथ मांझी से कम नहीं है। रामगोपाल की जिद, जुनून और धैर्य ही है कि 17 वर्ष के संघर्ष के बाद शासन को उन्हें सुनने के लिए झुका दिया। इतिहास में शायद यह पहली बार होगा जब एक ही आवेदक की 150 अपीलों पर राज्य सूचना आयुक्त लखनऊ एक ही दिन सुनवाई करेंगे।
कहानी शुरू होती है वर्ष 2001 से। उनके बेटे अशोक कुमार ने जयसिंहपुरा बांगर में गंगा देवी नामक महिला से जमीन खरीदी। इसके सर्किल रेट को लेकर विवाद हुआ। यह मामला तमाम गलियारों से गुजरता आज इस स्थिति पर पहुंच गया है कि इसी मामले में रामगोपाल सूचना अधिकार के 150 आवेदन कर चुके हैं। तहसील और मंडलायुक्त के बाद अब उनका यह विवाद हाईकोर्ट में लंबित है।
मामले में मोड़ जून 2019 में आया। मथुरा आए राज्य सूचना आयुक्त राजीव कपूर के सामने रामगोपाल ने अपनी बात रखी। वह भी इतने अधिक आवेदन देख दंग रह गए। सभी आवेदन कमोबेश एक ही मामले से जुड़े होने के कारण उन्होंने सभी को एक साथ सुनने की तारीख तय कर दी। रामगोपाल ने बताया कि 26 जून को लखनऊ में 150 अपीलों पर सुनवाई होगी। यह सभी आवेदन 2015 से 2019 के बीच के हैं। तिथि पर अपना पक्ष रखने के लिए डीएम, तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को नोटिस तामील कराए गए हैं।
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300 से ज्यादा अपील: 'परिवर्तन' नामक सामाजिक संस्था से जुड़े रामगोपाल की सूचना न मिलने पर 300 से अधिक अपीलें राज्य सूचना आयोग में नंबर आने का इंतजार कर रही हैं। सूचना न मिलने पर करीब एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ राज्य सूचना आयोग से 25-25 हजार रुपये के जुर्माने के आदेश कराने में सफल रहे हैं। 2011 में एक मामले में सूचना आयोग ने सूचना न देने पर डीएम के जनसूचना अधिकारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना किया। साथ ही आयोग में क्षतिपूर्ति के तौर पर उन्हें 2500 रुपये देने का आदेश दिया। यह क्षतिपूर्ति हर्जाना अब तक नहीं मिला है। अब तक करीब एक दर्जन विभागों में आरटीआइ के तहत आवेदन कर चुके हैं, जिसमें विद्युत विभाग, तहसील, नगर निगम आदि शामिल हैं।