कीर्ति मंदिर के आज खुलेंगे पट, लोकार्पण होगा कल
विश्व पटल पर राधा नाम का प्रचार प्रसार करने वाले जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के रंगीली महल आश्रम में बने नव निर्मित कीर्ति मन्दिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए हजारों अनुयायी पहुंच चुके है। तो वहीं मन्दिर की मनमोहक छटा को देखने के लिए लोग बेसब्री से मन्दिर खुलने का इंतजार कर रहे है।
बरसाना(मथुरा)संसू: रंगीली महल आश्रम में बने नवनिर्मित कीर्ति मंदिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए हजारों अनुयायी पहुंच चुके हैं। मनमोहक छटा को देखने के लिए लोग बेसब्री से मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
विश्व पटल पर राधा नाम का प्रचार प्रसार करने वाले जगद्गुरु कृपालुजी महाराज के रंगीली महल आश्रम के परिसर में बने कीर्ति मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते में शनिवार की सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान के बाद दोपहर में हवन यज्ञ किया गया। इसके बाद राधा नाम का संकीर्तन चलता रहा है। वहीं रात्रि में दिव्य रासलीला हुई। देश-विदेश के हजारों श्रद्धालु राधा नाम की रस धारा में डुबकी लगाते नजर आ रहे है। करीब 15 हजार श्रद्धालु इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कई दिन पहले बरसाना आ गए। वृंदावन ब्राह्माणों की ओर से वैदिक रीति रिवाज से मंदिर के लोकार्पण के लिए प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान चल रहा है। मंदिर परिसर में लगाई गई बड़ी स्क्रीन पर जगद्गुरु कृपालुजी महाराज के उपदेश सुन उनके अनुयायी मदमस्त हो जाते है। दिन रात रंगीली महल परिसर में भजन कीर्तन से पूरा वातावरण भक्तिमय नजर आ रहा है। धार्मिक अनुष्ठान में प्रमुख रूप से कृपालजी महाराज की पुत्रियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, श्यामा त्रिपाठी, कृष्णा त्रिपाठी, पुत्र घनश्याम त्रिपाठी, बालकृष्ण त्रिपाठी आदि मौजूद थे।
जगद्गुरु कृपालुजी महाराज ने प्रेम मंदिर एवम कीर्ति मंदिर के रूप में ऐतिहासिक धरोहर देकर ब्रज का गौरव बढ़ाया है। ऐसे महान और परम संत को भारत सरकार की ओर से सम्मान पत्र देना चाहिए।
लक्ष्मण प्रसाद शर्मा पूर्व जेल वि•िाटर। कृपालुजी महाराज ब्रज के गौरव व धरोहर थे, जिन्होंने विश्व पटल पर राधा नाम का प्रचार प्रसार कर लोगों को राधा की भक्ति के लिए प्रेरित किया। वृंदावन में प्रेम मंदिर व बरसाना में कीर्ति मंदिर बनाकर उन्होंने ब्रज को गौरवान्वित किया है।
सुनील ¨सह, सचिव, मान मंदिर बरसाना।