सर्दी पाले से झुलसने लगा आलू, किसानों की उड़ी नींद
बलदेव और राया ब्लाक के किसानों ने जिम्मेदारों को दर्ज कराई शिकायत किसानों ने बाजार में उतारा कचा आलू भाव में भी दर्ज हुई गिरावट
जागरण संवाददाता, मथुरा: सर्दी पाले से आलू झुलसने लगा है। सिरे से पत्तियों पर काले और पीले रंग के धब्बे उभरने लगे हैं। नीचे के हिस्से में फफूंद दिखाई दे रही है। फसल का यह हाल देखकर के आलू उत्पादक किसानों की रातों की नींद गायब हो गई है। मौसम की मार से फसल बचाने के लिए वह कृषि रक्षा अधिकारियों से सलाह ले रहे हैं।
जिले में 19-20 हजार हेक्टेयर में आलू की बोवाई की गई थी। फसल भी 70 से 80 दिन की हो गई है। जनवरी की शुरूआत में मौसम खराब हो गया। केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के तापमापी पर एक जनवरी को न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड किया गया था। रविवार को तापमान न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। इस बीच कुछ हिस्सों ओलावृष्टि भी हुई थी। वर्षा जिले में भी हुई थी। उपसंभागीय कृषि प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया की वेधशाला में 70 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। मौसम का आलू की फसल पर कुप्रभाव पड़ रहा है। विकास खंड राया के नगला अंबू निवासी किसान सतीश चंद्र ने सौ बीघा में आलू की बोवाई की थी। दो-दो बार कीट और रोगों पर नियंत्रण करने के लिए कीटनाशक का छिड़काव किया था। ढाई सौ बीघा में आलू उत्पादन कर रहे किसान रनवीर सिंह मुखिया ने बताया, फसल रोग की चपेट में आ गई। गांव कारब के किसान ओमप्रकाश सिंह ने बताया, फसल पर मौसम का प्रतिकूल असर पड़ा है। पिछैती झुलसा की चपेट में फसल के आने से उत्पादन प्रभावित होगा। --- नए आलू के आते ही गिरे रेट :
आलू पहली बार 40 रुपये किलो की रिकार्ड कीमत पर बिका था। आलू की ऊंची कीमतें होने पर किसानों ने कच्चा आलू (50 से 60 दिन की फसल, जिसका कोल्ड स्टोरेज में भंडारण नहीं किया जा सकता) मंडियों में उतार दिया। कच्चा आलू आते ही बाजार में आलू के भाव कम हो गए। रविवार को मंडी में किसानों का कच्चा आलू पांच से सात रुपये किलोग्राम तक बिका। फुटकर में कच्चा आलू दस रुपये किलोग्राम बिक रहा है। आढ़ती चौधरी आनंद स्वरूप और मुकेश शर्मा ने बताया, आलू मांग से अधिक से आ रहा है। फसल का सीजन भी है। आलू की कीमतों आई कमी का यही प्रमुख कारण है।
-- बलदेव और राया विकास खंड के किसानों ने आलू में झुलसा रोग के आने की शिकायत की है। कुछ क्षेत्रों में आठ-दस फीसद फसल झुलसा से प्रभावित है। कापर आक्सीक्लोराइड 50 फीसद डब्ल्यूपी 2.5 किलोग्राम एक हजार लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से 15-15 दिन के अंतराल से छिड़काव करने की सलाह किसानों को दी जा रही है। इसके अलावा किसान केप्टन 75 फीसद डब्ल्यूपी 750 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर सकते हैं। इससे पिछैती झुलसा पर नियंत्रण होगा।
---विभाति चतुर्वेदी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी