हरियाणा के गूसी ड्रेन का पानी ले रहा मछलियों की जान
केशी घाट के बाद अब जुगल घाट किनारे पड़ी मिली
वृंदावन, जासं: हरियाणा के गूसी ड्रेन से छोड़े गए करीब तीन हजार क्यूसिक प्रदूषित जल यमुना में जलीय जीवों की जान ले रहा है। वृंदावन के घाटों पर यमुना में मछलियों के मरने का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा।
शुक्रवार को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने एडीएम के साथ पहुंचकर यहां से पानी के नमूने लिए। बताया गया कि पानी में आक्सीजन की कमी से ऐसा हो रहा है। वृंदावन में यमुना के प्रदूषित जल से मछलियों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार की सुबह केशी घाट पर किनारे पड़ी मिली मछलियों के बाद दूसरे दिन शुक्रवार की सुबह जुगल घाट पर सैकड़ों मछलियां मरी मिलीं। इसकी जानकारी लगते ही नाविक और स्थानीय लोग एकत्र हो गए। तमाम लोग मछलियां उठाकर भी ले गए।
दो दिन में हजारों मछलियां मरने से यमुना में स्नान करने वाले श्रद्धालु बुरी तरह आहत हैं। कार्तिक मास की नियम सेवा करने वाले इन दिनों बड़ी संख्या में स्नान को पहुंच रहे हैं। इस बीच एसडीएम सदर कांति शेखर ने बताया है कि शुक्रवार को जल निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यमुना जल की जांच कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जल्द ही रिपोर्ट आने के बाद जो भी उचित होगा, व्यवस्था की जाएगी। एडीएम फाइनेंस रवींद्र कुमार ने बताया कि फरीदाबाद के पास गूसी ड्रेन से बड़ी मात्रा में छोड़े गए प्रदूषित जल के मिल जाने से यमुना का पानी बेहद गंदा हो गया है। इसके लिए डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा ने उच्चाधिकारियों से बताकर हरनौल स्थित मांट ब्रांच गंगनहर से अधिक पानी छोड़े जाने को कहा है। यह पानी आते ही राहत मिलेगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने यमुना नदी में कई जगह से पानी के नमूने लिए हैं। इनका परीक्षण किया जा रहा है। पानी इस समय अधिक प्रदूषित हो गया है। इससे मछलियां मर रही हैं।
- डॉ. अर¨वद कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड