बेबस और लाचार अभिभावक वाट्सएप पर निकाल रहे खीज
निजी स्कूलों की मनमानी पर आक्रोश अभिभावकों का कहना है वसूल की जा रही जून की फीस
मथुरा, जासं। निजी स्कूलों की मनमानी के सामने अभिभावक बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं। बच्चों के भविष्य का ख्याल कर अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं, पर मन आक्रोश से भरा हुआ है। अभिभावकों की इसी बेबसी का पूरा फायदा स्कूल उठा रहे हैं। अभिभावकों ने अपनी खीज निकालने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया है, जिस पर निजी स्कूलों की मनमानी पर जमकर खीज निकाल रहे हैं।
निजी स्कूलों की मनमानी और उनके की ओर से अभिभावकों के आर्थिक दोहन से सभी परेशान हैं, पर सब मौन साधे हुए हैं। लाचारी की हालात यह है कि छात्रों के हितों की अगुवाई करने वाले छात्र संगठन भी निष्क्रिय बने हुए हैं। अपने दर्द को छात्र अभिभावक कल्याण समिति के नाम वाट्सएप ग्रुप में बयां कर रहे हैं। ग्रुप में अभिभावकों की सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात पर है कि सरकार के आदेश के बाद भी जून की फीस ली जा रही है।
ग्रुप के एडमिन एचके गर्ग ने पोस्ट डालते हुए कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि लोगों को दिनदहाड़े लूटा जा रहा है। आगे लिखते हैं कि निजी स्कूल राज्य सरकार के 2017-18 के अध्यादेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। योगी सरकार के अनुसार एडमिशन फीस सिर्फ एक बार ली जाएगी। स्कूल से किताब-कॉपी, यूनिफॉर्म, जूता, बेल्ट नहीं दी जाएगी। पोस्ट के जवाब में एक अभिभावक ने लिखा है कि जब मुख्यमंत्री के आदेश को नहीं मान रहे तो फिर कौन अभिभावकों के दर्द को सुनेगा। एक अभिभावक लिखते हैं खुद अभिभावक स्कूल में बच्चों को होने वाली असुविधा से मुंह मोड़े हुए तो इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। इसी मनोविज्ञान का लाभ स्कूल संचालक उठा रहे हैं। एक अभिभावक ने पोस्ट में स्कूल प्रबंधन से गुजारिश करते हुए लिखा है कि मई-जून में कक्षाएं बंद रखें गर्मी में बच्चों को परेशान न करें। पढ़ाई के लिए 10 महीने बहुत होते हैं। गर्मी में बच्चों से बचपन नहीं छीना जाए।
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