कुछ घंटे में 500 पंजीयन पार, दर्शन को भीड़ अपार
ठाकुर बांके बिहारी की एक झलक पाने को रोज 30 हजार से अधिक श्रद्धालु उनकी चौखट पर पहुंचते हैं। इनमें 2500 श्रद्धालु स्थानीय ही आते हैं।
संवाद सहयोगी, वृंदावन: ठाकुर बांके बिहारी की एक झलक पाने को रोज 30 हजार से अधिक श्रद्धालु उनकी चौखट पर पहुंचते हैं। इनमें 2500 श्रद्धालु स्थानीय ही आते हैं। रोज दर्शन को आने वाले स्थानीय श्रद्धालुओं का आंकड़ा ही प्रबंधन की तय सीमा से पांच गुना अधिक है। दर्शन से पहले आनलाइन पंजीयन की भी शर्त है। शनिवार को पंजीयन खुला तो कुछ घंटे में ही 500 पंजीयन हो गए। ऐसे में अपार भीड़ कैसे दर्शन पाएगी। यह सवाल वृंदावन की गलियों में जवाब मांग रहा है।
ये ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की ही महिमा है। रोज औसतन तीस हजार श्रद्धालु यहां दर्शन को आते हैं। शनिवार और रविवार को यह आंकड़ा एक लाख पार कर जाता है। इनमें जिले के ही करीब दस हजार श्रद्धालु होते हैं। वृंदावन नगर के रोज दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब ढाई हजार है। ऐसे में रोज महज 500 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की अनुमति का नियम मुश्किल खड़ी करेगा। इसे लेकर अभी से विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार से शुरू हुई आनलाइन पंजीकरण से दर्शन की व्यवस्था भक्तों के गले नहीं उतर रही। सात माह बाद 17 अक्टूबर को जब मंदिर के दर्शन खुले, तो पहले ही दिन करीब बीस हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वह भी कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए। आम दिनों में मंदिर के अंदर और बाहर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम रहता है। शनिवार को दोपहर एक बजे तक 500 श्रद्धालुओं ने आनलाइन पंजीकरण करवा लिया था। इसके बाद पंजीकरण बंद कर दिया गया। पंजीकरण कराने के दौरान श्रद्धालुओं को अपनी ई-मेल आइडी, एड्रेस, आधार कार्ड नंबर भी देना होगा। श्रद्धालुओं को पंजीकरण नंबर भी मिलेगा। -नियमित श्रद्धालु दर्शन से रहेंगे वंचित?
ठा. बांकेबिहारी के करीब दो सौ श्रद्धालु ऐसे हैं जो सुबह जब तक दर्शन न करें, वे अन्न-जल ग्रहण नहीं करते। मंदिर बंद होने पर बड़ी मुश्किल से उन्होंने सात महीने गुजारे। अब मंदिर खुलने पर भी दर्शन न होंगे, तो उनके विरोध का सामना करना पड़ सकता है। मंदिर प्रबंधन ने शनिवार सुबह स्थानीय और नियमित श्रद्धालुओं को पंजीकरण से छूट और आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश देने की बात कही थी। दोपहर कहा, नियमों से किसी को छूट नहीं है। केवल आनलाइन पंजीकरण पर ही प्रवेश मिलेगा।
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-गुजरात की आइटी कंपनी को मिली कमान:
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में आनलाइन दर्शन के लिए पंजीकरण व्यवस्था की जिम्मेदारी गुजरात की आइटी कंपनी यात्राधाम डाट ओआरजी को दी गई है। प्रबंधक के अनुसार कंपनी को शुरुआत में सात दिन का पायलट प्रोजेक्ट दिया गया है। सात दिन बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। बॉक्स
-मंदिर के बाहर भी वन-वे होगी व्यवस्था
सीओ सदर रमेश कुमार तिवारी ने बताया कि वीआइपी मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को जुगलघाट, जंगकट्टी के रास्ते दाऊजी मंदिर के सामने की गली से प्रवेश मिलेगा, जो गेट संख्या दो से मंदिर में प्रवेश करेंगे। विद्यापीठ, किशोरपुरा से आने वाले श्रद्धालु पुलिस चौकी के सामने वाली गली से होकर गेट संख्या तीन से प्रवेश करेंगे। श्रद्धालुओं को गेट संख्या चार से बाहर निकाला जाएगा। विद्यापीठ से आने वाले सनेहबिहारी मंदिर के सामने गली से निकलेंगे। परिक्रमा मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को वीआइपी गली से बाहर निकाला जाएगा। गाइड लाइन के पालन को निगम गोले बनाएगा।