एक और माता को मिला परिवार का सहारा
जागरण संवाददाता, वृंदावन: सदन में जीवन गुजार रहीं माताओं के परिजनों से मुलाकात के बाद अब वे
जागरण संवाददाता, वृंदावन: सदन में जीवन गुजार रहीं माताओं के परिजनों से मुलाकात के बाद अब वे उन्हें अपने साथ ले जाने की शुरूआत कर चुके हैं। रविवार को ऐसी ही एक 65 वर्षीय विधवा वृद्ध माता को उसका बेटा साथ ले गया। पिछले छह साल से सदन में रह रही माता जब बेटे के साथ घर को निकली तो परिवार से मिलने की खुशी और साथी माताओं से बिछुड़ने का गम उसके चेहरे पर झलक रहा था।
भूतगली स्थित मीरा सहभागिनी सेवा सदन में पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनेशपुर जिला के गांव खुशीपुर निवासी मालती सरकार पति मलाल सरकार की मौत के बाद 3 नवंबर 2012 को सदन में पहुंची। परिवार से दूर छह साल तक भगवान का भजन करके जीवन गुजार रही थी। इसी दौरान सदन में शुरू हुई पुनर्वास योजना के तहत उसके बेटे सुधांशु सरकार से बात की गई। बेटे को भी मां से दूर रहने का दर्द झलकने लगा। मां से मुलाकात करने बेटा जब वृंदावन सदन में पहुंचा तो निर्णय कर लिया कि अब वह अपनी मां को सदन में नहीं रखेगा, अपने पास रखेगा। मां भी बेटे की इच्छा को दरकिनार न कर सकी और बेटे के साथ परिवार के बीच जीवन गुजारने को राजी हो गई। रविवार को सदन की अधीक्षिका किरन दुबे, सहायक मारकंडेय मिश्र, रेनू मिश्रा समेत दूसरी माताओं ने मालती सरकार को विदाई दी।