खेतों में लोटा पार्टी, कागजों में ओडीएफ
एक वर्ष पहले ही कर दिया गया था ओडीएफ हजारों परिवारों को अभी भी शौचालय का इंतजार
मथुरा, जासं: ये उस व्यवस्था का स्याह सच है, जो सुनहरी इबारत कागजों में गढ़ी गई है। कागजों में जिन गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है, वहां खेतों पर सुबह लोटा पार्टी दौड़ती दिखती है। ये हाल तब है जब इसी दो अक्टूबर को पूरी तरह से देश को ओडीएफ घोषित करने का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। जागरण ने ओडीएफ गांवों की हकीकत देखी, तो कागजी दावों की सच्चाई सामने आ गई।
सरकारी आंकड़ों को देखें तो जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में बेसलाइन सर्वे के तहत आने वाले 1.70 लाख परिवारों को शौचालय दिए गए हैं। यहां शौचालय बन भी गए हैं। बीते वर्ष इसी के आधार पर जिले को ओडीएफ भी घोषित किया गया था। इस साल फिर नया सर्वे हुआ है, 44 हजार परिवार चिह्नित किए गए हैं, इन्हें शौचालय दिया जाएगा, लेकिन दावे इससे जुदा हैं, जिन गांवों को पहले ओडीएफ घोषित किया गया है, उनमें ही सैकड़ों परिवार एक अदद शौचालय को तरस रहे हैं।
अब तो रिश्तेदार भी नहीं रुकते
संसू, फरह: गांजोली गांव में मॉडर्न शौचालय की दीवार टूटी है। टाइल्स उखड़ चुकी हैं। शौचालय जर्जर है। गांजोली गांव के विजय सिंह बताते हैं कि शौचालय न होने के कारण रिश्तेदार भी घर में नहीं रुकते हैं। गांव की मुन्नी, कैलाश चंद्र, रेखा,साहब सिंह, बिजेंद्र, गंगा, सुरेश, सोनवीर, कृपाल, रामढकेली ने बताया कि सूची में नाम ही नहीं शामिल हो पाता है, ऐसे में शौचालय नहीं बन पाया। खुले में ही शौच को जाना पड़ता है। शौचालय निर्माण में कमीशन वसूला
संसू, चौमुहां: गांव अगरयाला में 750 शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन 350 परिवार अभी भी शौचालय के लिए चक्कर काट रहे हैं। गांव के दिनेश सिंह व लक्ष्मण सिंह बताते हैं कि शौचालय के निर्माण में कमीशन तक वसूला गया है। रामबाबू, नीरज, मोहन श्याम, नहना, देवेंद्र, गंगाराम, भगवान सिंह, खेमकरण, हुकुम सिंह, लक्ष्मण, मुन्ना, विक्रम विष्णु पंडित, बसंता, जिल्ले, दुर्गा प्रसाद, विनोद, देवी राम, श्याम सिंह, राजपाल, विजय, लालाराम, लक्ष्मण माया आदि के तो अभी तक शौचालय ही नहीं बन सके हैं। गांव अकबरपुर में 300 शौचालय बने हैं, तो दो सौ परिवार को इंतजार है। निगम से जोड़ा फिर भी खुले में जाने को मजबूर
संसू, महावन: गांव अजयनगर को नगर निगम से जोड़ा गया है। गांवों में घर-घर शौचालय के लिए गड्ढे खोदे गए हैं, लेकिन ज्यादातर शौचालयों का काम ही पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में गांव के लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं।
1.70 लाख शौचालय बनाए गए हैं। गांवों को पूरी तरह ओडीएफ घोषित किया गया है। नए सर्वे में 44 हजार और पात्र मिले हैं, जल्द ही इनके भी शौचालय बना दिए जाएंगे।
प्रीतम सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी।