'सखी' करेगी खुरपका, मुंहपका रोग का टीकाकरण
स्वयं सहायता समूह से चयन करेगा पशुपालन विभाग वर्ष में चार बार प्रशिक्षण मिलेगा पारिश्रमिक
जासं, मथुरा: स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बन रहे महिला स्वयं सहायता समूह अब नई जिम्मेदारी निभाते नजर आएंगे। पशुपालन विभाग समूह की सक्रिय सदस्य को 'सखी' बनाएगा। ये सखी खुरपका, मुंहपका बीमारी से बचाने के लिए पशुओं का टीकाकरण करेंगी। इसकी एवज में विभाग इन्हें पारिश्रमिक देगा।
बारिश के मौसम में पशुओं में खुरपका और मुंहपका रोग हो जाता है। कभी-कभी ये बीमारी जानलेवा भी बन जाती है। खुरपका और मुंहपका बीमारी से बचाने के लिए पशु पालन विभाग हर वर्ष टीकाकरण अभियान चलाता है। मगर, अपेक्षित परिणाम नहीं आ पाते। संसाधनों की कमी से भी ये अभियान सफल नहीं हो पाता। विभाग ने अब टीकाकरण की जिम्मेदारी क्षेत्रीय महिला को ही सौंपने की योजना बनाई है। हालांकि योजना का पहला चरण कुछ जिलों में शुरू हो चुका है। समूह से होगा सखियों का चयन:
जिला मिशन प्रबंधक अजीत सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूह में कई सदस्य काफी सक्रिय होती हैं। ऐसी सदस्यों को सखी के रूप में चयनित किया जाएगा। इनको ब्लाक स्तर पर ही टीकाकरण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। साल भर में चार बार प्रशिक्षण दिया जाएगा। टीकाकरण के अलावा पशुओं को किसी अन्य तरह की बीमारी के लक्षण होंगे, सखी इसकी जानकारी विभाग तक पहुंचाएंगी। 10 रुपये प्रति पशु का पारिश्रमिक
जिन जिलों में ये योजना चल रही है, वहां सखी को 10 रुपये प्रति पशु के हिसाब से पारिश्रमिक मिलता है। एक पशु को एक ही टीका लगाया जाता है। मथुरा जिले के लिए हालांकि अभी पारिश्रमिक निर्धारित नहीं किया गया है।
- जिले में करीब एक हजार स्वयं सहायता समूह हैं। समूह में से ही सखियों का चयन किया जाएगा। इन महिलाओं को टीकाकरण की एवज में पारिश्रमिक दिया जाएगा। बहुत जल्द ही यह व्यवस्था जिले में लागू होगी।
आरके त्रिवेदी, उपायुक्त
स्वत: रोजगार