अस्पतालों में भर्ती नहीं कर रहे मरीज, कोविड हास्पिटल भी फुल
निजी चिकित्सक कोविड का हवाला देकर भर्ती करने से कर रहे मना दिल्ली व फरीदाबाद से भी लौटाए जा रहे हैं मरीज
जागरण संवाददाता, मथुरा : बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ती जा रही हैं। बेकाबू होते हालात के बीच ज्यादातर निजी चिकित्सक किसी भी बीमारी के मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। केवल आनलाइन कंसल्ट कर दवाएं लिखी जा रही हैं। ऐसे में मरीजों का दर्द और बढ़ रहा है। जो मरीज दिल्ली और फरीदाबाद इलाज कराने गए थे, वहां भी बेड फुल होने के कारण लौटाए जा रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर टाप गियर में दौड़ रही है। इसकी चपेट में अब तक 9500 से अधिक ब्रजवासी आ चुके हैं। 1792 एक्टिव केस की संख्या हो गई है। आलम यह है कि केडी मेडिकल कालेज में 141 और केएम मेडिकल कालेज में 133 मरीज भर्ती हैं। यह संख्या वह है, जिनको स्वास्थ्य विभाग की ओर से भर्ती किया गया है। करीब इतने ही मरीज निजी खर्चे पर यहां अपना इलाज करा रहे हैं। इसके अलावा मिलिट्री हास्पिटल में 13 मरीज भर्ती हैं। नयति और आरकेएसएम में 24 मरीज भर्ती हैं। आलम यह है कि इन अस्पतालों में अब और मरीज भर्ती करने के लिए जगह नहीं है। शहर में 250 से अधिक नर्सिंग होम और हास्पिटल हैं। इनमें से अधिकांश ने मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है। - मनमानी कर रहे अस्पताल :
शहर के अस्पताल अब मनमानी कर रहे हैं। मरीजों को पूरी तरह से इलाज भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है। चिकित्सक वीडियोकाल या फिर फोन पर परामर्श दे रहे हैं। अस्पताल पहुंचने के बाद भी स्टाफ ही दवा दे रहा है। हालांकि सीएमओ डा. रचना गुप्ता का कहना है कि जिला अस्पताल और वृंदावन के संयुक्त अस्पताल में मरीजों को हर तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही हैं। जिला अस्पताल में दस बेड कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।