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नहीं आई एंबुलेंस, रेलयात्री की निकली जान

मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म तीन से जनता एक्सप्रेस धड़धड़ाते हुए गुजरी तो रेल की पटरी पर एक रेल यात्री तड़प रहा था। उसके एक हाथ और पैर शरीर से कटकर अलग चुके थे। पटरी खून से लाल हो गई। यात्रियों ने शोर मचाया तो रेलवे सुरक्षा बल के जवान दौड़कर पहुंचे। किसी रेलवे की एंबुलेंस को तो किसी ने 109 एंबुलेंस को कॉल किया। एंबुलेंस नहीं आई। टेंपो बुलाया गया। स्टेशन से घायल रेल यात्री को जिला अस्पताल तक पहुंचाने में तीस-चालीस मिनट का समय लग गया। तब तक शरीर से काफी खून बह चुका था। अस्पताल की इमरजेंसी तक उसकी सांसे चलती रही पर उपचार से पहले ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 12:35 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 06:19 AM (IST)
नहीं आई एंबुलेंस, रेलयात्री की निकली जान
नहीं आई एंबुलेंस, रेलयात्री की निकली जान

मथुरा: मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म तीन से जनता एक्सप्रेस धड़धड़ाते हुए गुजरी तो रेल की पटरी पर एक रेल यात्री तड़प रहा था। उसके एक हाथ और पैर शरीर से कटकर अलग चुके थे। पटरी खून से लाल हो गई। यात्रियों ने शोर मचाया तो रेलवे सुरक्षा बल के जवान दौड़कर पहुंचे। किसी रेलवे की एंबुलेंस को तो किसी ने 109 एंबुलेंस को कॉल किया। एंबुलेंस नहीं आई। टेंपो बुलाया गया। स्टेशन से घायल रेल यात्री को जिला अस्पताल तक पहुंचाने में तीस-चालीस मिनट का समय लग गया। उपचार से पहले ही उसके प्राण पखेरू हो गए।

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मथुरा जंक्शन पर आगरा की तरफ फुट ओवर ब्रिज के समीप गुरुवार की शाम 5.20 बजे कुछ ऐसा ही दृश्य रेल यात्रियों के आंखों के सामने उभरा। राजस्थान के करौली जिले की मीना बस्ती निम्होदा निवासी प्रकाश मीना अपने परिवार के साथ गंगा स्नान करके लौट रहे थे। परिजन ट्रेन में चढ़ गए और प्रकाश मीना पीछे रह गए। तभी ट्रेन चल दी। उनका पैर फिसल गया और वे ट्रेन के नीचे आ गए। उनके शरीर से बांया हाथ और दायां पैर कट कर अलग गए। रेलवे डॉक्टर और रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने रेलवे, 108 और कॉर्मिशियल एंबुलेंस बुलाने के लिए कॉल किए, मगर कोई एंबुलेंस घटना स्थल पर नहीं आई। हेड कॉस्टेबल गोविदराम और यशपाल सिंह घायल प्रकाश मीना को टेंपों से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी में घायल का उपचार शुरू होता, उससे पहले ही घायल ने अपना नाम पता बताकर दम तोड़ दिया।

--एंबुलेंस 108 और रेलवे एंबुलेंस को कॉल किया। रेलवे डॉक्टर भी आ गई। उनका भी रेलवे की एंबुलेंस ने कॉल रिसीव नहीं किया। 108 के संबंध में बताया गया कि वह बादगांव पर खड़ी है। उसको आने में देर लगेगी। तब आरपीएफ ने टेंपो बुलाकर घायल यात्री को अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी मौत हो गई।

-रोहित कुमार, सब इंस्पेक्टर रेलवे सुरक्षा बल


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