मथुरा में धीमी पड़ी हुई है हाईवे चौड़ीकरण की रफ्तार
पांच वर्ष में एनएचएआइ 85 किमी को नहीं कर पाया सिक्स लेन
मथुरा, जासं। केंद्र की एनडीए सरकार ने पिछले पांच वर्ष में प्रतिदिन 22 किमी की रफ्तार से हाईवे बनाए हैं। हालांकि उसकी यह कथित रफ्तार राष्ट्रीय राजमार्ग-19 को सिक्स लेन करने में धीमी रही। जिले की सीमा से गुजर रहा एनएच-19 का 85 किमी का हिस्सा पांच वर्ष में पूरी तरह चौड़ा नहीं हो पाया है। चुनाव प्रचार में यह भी चुनावी मुद्दा बन सकता है।
दस वर्ष पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में हाईवे की जर्जर स्थिति चुनावी मुद्दा बना था। बाद में तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश के कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों को सिक्स लेन करने की योजना बनाई। इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग-दो (वर्तमान में एनएच-19) को शामिल किया गया। वर्ष 2012 में टेंडर होने के बाद कार्य शुरू हुआ। यह कार्य धीमी रफ्तार से ही आगे बढ़ा।
सिक्स लेन निर्माण के साथ ही इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में कई कमियां सामने आईं और स्थानीय स्तर पर इसमें जगह-जगह फ्लाई ओवर शामिल करने की मांग उठी। वर्ष 2014 से पहले दिल्ली से लेकर फरीदाबाद होते हुए कोटवन तक के हाईवे पर काफी काम हो चुका था। हालांकि कोटवन से लेकर रैपुराजाट तक की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
यहां सिक्स लेन निर्माण शुरू हुआ तो सांसद हेमा मालिनी ने कई जगह अंडर पास और फ्लाई ओवर के प्रस्ताव एनएचएआइ को दिए। कहने के लिए सिक्स लेन का कार्य दिसंबर 18 में पूरा हो चुका है, लेकिन नए शामिल कार्य अभी जारी हैं। इनमें जयगुरुदेव मंदिर, रिफाइनरी, जीएलए आदि के फ्लाई ओवर पर काम चल रहा है। एनएएचआइ सूत्रों के अनुसार अप्रैल तक जयगुरुदेव मंदिर के फ्लाई ओवर का काम पूरा हो जाएगा। जबकि अगस्त तक रिफाइनरी के दो ओवरब्रिज पूरे किए जाने हैं। इनसेट
ये है लागत
हाईवे सिक्सलेन प्रोजेक्ट-2800 करोड़
बीओटी में केंद्र ने अलग से दिए-220 करोड़
कार्यदायी संस्था-रिलायंस इंफ्रा