राजीव एकेडमी में बीएड के नए सत्र का शुभारंभ
कार्यक्रम में नव प्रवेशित बीएड के छात्र-छात्राओं को भविष्य में आने वाली अध्ययन संबंधी महत्वपूर्ण बातें बताईं
जासं, मथुरा: राजीव एकेडमी के शिक्षा संकाय (बीएड) के नवीन शिक्षा सत्र का शुभारंभ तीन दिवसीय आनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम के साथ हुआ। कार्यक्रम में नव प्रवेशित बीएड के छात्र-छात्राओं को भविष्य में आने वाली अध्ययन संबंधी महत्वपूर्ण बातें बताईं।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में सह आयुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली विमलेश कुमार सिंह रहे, जिन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि बीएड एक व्यावसायिक और महत्वपूर्ण कोर्स है, जिसके तहत छात्राध्यापक-अध्यापिका का व्यवहार तथा उसके द्वारा दी गई तालीम ही उसकी पहचान बनाती है। दूसरे दिन के मुख्य अतिथि के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय के भूतपूर्व प्रधानाचार्य अर्जुन सिंह चौहान रहे। तीसरे दिन की मुख्य अतिथि मनोविज्ञानी गरिमा त्रिपाठी रहीं। आरके एजूकेशनन हब के चेयरमैन डा. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि वैदिक-काल के गुरुकुलों में नव-प्रवेशित छात्र-छात्राओं का जो सत्र होता था, उसमें आचार्य पहली नजर में ही विद्यार्थी को पहचान लेते थे। उसी के आधार पर उन्हें वेद-पुराण, अस्त्र-शस्त्र, व्याकरण और व्यावहारिक शिक्षण की स्ट्रीम में प्रवेश दिया जाता था। प्रोगाम समन्वयक एससी यादव ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रो. मयंक दीक्षित, सुनील शर्मा, देवेश यादव, प्रणव आदि का सहयोग रहा।
बोर्ड परीक्षा के लिए छात्राओं को दिए टिप्स
मथुरा : रतनलाल फूलकटोरी देवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए टिप्स दिए गए। छात्राओं की जिज्ञासा भी शांत की गईं।
श्रीजी बाबा के पूर्व प्रधानाचार्य डा. अजय शर्मा ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कदम बढ़ाकर लक्ष्य तक पहुंचा जा सकता है। परीक्षा में प्रश्न का उत्तर देने से पूर्व प्रश्न को समझना आवश्यक है। 15 मिनट प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए दिए जाते हैं, उस समय का सही प्रयोग करना चाहिए। छात्राओं को लेख सुधारने के लिए प्रेरित किया। एक छात्रा ने प्रश्न किया कि पैराग्राफ में लिखना उचित है या प्वाइंट में। उन्होंने कहा कि परीक्षक के पास समय कम होता है, प्वाइंट में लिखकर उत्तर को प्रभावी बना सकते हैं। छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप यूनिक हैं, किसी से अपनी तुलना ना करें। परीक्षक कापी के कार्य को देखकर ही मूल्यांकन करता है, परीक्षा की कापी में साफ-सुथरा कार्य करना चाहिए। कोविड- 19 के कारण हुए नुकसान के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह नुकसान पूरे विश्व को हुआ है। बोर्ड ने पाठ्यक्रम में भी कटौती की है। प्रश्नपत्र का स्तर भी आसान रखा जा रहा है। प्रधानाचार्य डा. नीता सिंह ने कहा कि समय- सारणी बनाकर अध्ययन करना चाहिए। सभी विषयों को बराबर समय देना चाहिए।