भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए बच्चों को दें संस्कार
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गोवा राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने लिया भाग, नारी शक्ति कुंभ में प्रखर वक्ताओं ने देशभर से आईं महिलाओं का किया आह्वान
वृंदावन, जासं: भारतीय संस्कृति और सभ्यता का पाठ पढ़ाकर भारत की नारियों के जरिए राष्ट्र को विश्व गुरु का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से आयोजित नारी शक्ति कुंभ में प्रखर वक्ताओं ने आदि काल से लेकर अब तक की वीरांगानाओं का हवाला दिया। उन्हें बच्चों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता का बीजारोपण करने की जिम्मेदारी सौंपी। महिलाओं को उनकी जिम्मेदारी का भान कराया तो संस्कार और सभ्यता का पाठ पढ़ाया गया।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि व उप्र पर्यटन विभाग के अक्षयपात्र में आयोजित नारी शक्ति कुंभ के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि समाज की विकृति के चलते नारी को अबला और कमजोर समझा गया। महिलाओं को अतीत का गौरव याद दिलाते हुए बेटियों को निर्भीक बनाने का आह्वान किया। कहा कि उन्हें बताओ कि वे पुरूष से कहीं भी पीछे नहीं हैं। समाज को अपनी मानसिकता बदलनी होगी और नारी को अपनी शक्ति पहचाननी होगी।
उन्होंने कहा कि सभी पुरूष देवों का वर्ष में एक-एक दिन है और नारी शक्ति की उपासना के लिए वर्ष में दो बार नवरात्रि अर्थात 18 दिन आते हैं। उन्होंने प्रकृति में नारी शक्ति व वौद्धिकता का उदाहरण देते हुए कहा कि जंगल में शिकार शेर नहीं करता है, शेरनी करती है और पहले शेर को खिलाती और अपने बच्चों को खिलाती है और फिर वह खाती है। इसी प्रकार से हाथियों के झुंड में नेतृत्व हथिनी करती है, जो बौद्धिकता का प्रतीक है।
कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के चलते देश में ¨लगानुपात कम हो रहा है। इसकी शुरूआत हरियाणा से हुई, जहां सबसे अधिक ¨लगानुपात था। समाज में विसंगतियों को दूर करने के लिए हमें कुटुंब व्यवस्था मजबूत करनी होगी। कुटुंब को एक रखने में भी महिलाओं की भूमिका ही अहम होगी। ये जिम्मेदारी भी हमें निभानी होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता गीता ताई गुंडे ने नारी शक्ति कुंभ में मिल रहे वैचारिक ज्ञान को देश के कोने-कोने तक फैलाने का आह्वान किया। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने कहा कि महिलाओं को अपनी शक्ति पहचाननी चाहिए। घर में अगर भाई हैं तो बिना बहन के घर अधूरा होता है। इसी तरह भाई के बिना बहन का और बहन के बिना भाई का काम नहीं चल सकता। उन्होंने कुंभ में मिल रहे सार को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने का आह्वान किया।
इससे पूर्व नारी शक्ति कुंभ का उद्घाटन विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता गीता ताई गुंडे व कुलपति डॉ. अर¨वद कुमार दीक्षित ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया। आसमान छू रही आधी आबादी: रीता
वृंदावन: प्रदेश की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि भारत की नारी विद्वता, ज्ञान, त्याग, स्वाभिमान की मूर्ति है। आदिकाल से लेकर आज तक अपनी भूमिका निभाने में अग्रणी रही है। चाहे देश की आजादी की बात हो या फिर आधुनिक भारत के निर्माण में विज्ञान, खेल समेत अन्य क्षेत्रों में आधी आबादी अब आसमान छूने लगी है। पुरुषों से आगे निकल रही महिलाएं: नाईक
वृंदावन: राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि नारी शक्ति कुंभ से इतिहास व वर्तमान स्थिति के मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसे लेकर यह महिलाएं देश के कोने-कोने में फैलाएं। पुरूष व नारी राष्ट्र के दो पहिये हैं, जिनके कंधों पर राष्ट्र को ऊंचाइयों पर ले जाने की जिम्मेदारी है।
बताया कि गत वर्ष 28 में से 26 विवि में दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या 51 फीसद रही है। जबकि इस साल 56 फीसद हो गई है। पहले महिलाएं पढ़ लिखकर नर्स अथवा शिक्षिका बनती थीं। आज महिलाएं जमीन से लेकर आसमान तक पुरुषों से आगे निकल रही हैं। उन्होंने नारियों से जीवन की सार्थकता प्राप्त करने के लिए निरंतर चलते रहने का आह्वान भी किया। कृष्ण ने राधा को प्राथमिकता दी: हेमा
वृंदावन: कुंभ के समापन सत्र में प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने सारगर्भित संबोधन में महिलाओं को अपनी शक्ति पहचान कर परिवारों को संस्कारयुक्त बनाने का आह्वान किया। कहा कि नारी मुक्ति चाहती है, लेकिन नारी मुक्त हो गई तो देश ही नहीं दुनिया उसकी ताकत का अनुभव करने लगेगी। सांसद हेमामालिनी ने भगवान श्रीकृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी राधा के रूप में नारी शक्ति को प्राथमिकता दी थी। इसका उदाहरण है कि ब्रज में राधाजी का नाम पहले लिया जाता है। बेटियों को पढ़ाएं तो मिलेगी तरक्की: निर्मला
वृंदावन: रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आध्यात्मिक कुंभ सुने थे। नारी शक्ति कुंभ सुनकर अच्छा लगा। वह भी उस वृंदावन में, जहां राधाजी को शक्ति के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने स्थापित किया। इस भूमि पर उद्धव को ज्ञान यहां की गोपियों ने दिया। आज भी यहां राधे-राधे ही बोला जाता है। देश मे अनेक महिलाओं ने रानी बनकर प्रतिभा दिखाई। आज मिसाइल वैज्ञानिक, माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली महिला हमारे सामने हैं। आज भी उम्मीद है कि महिलाओं को आगे बढ़ाकर तरक्की कर सकते हैं। हम अपनी बेटियों के साथ रोका-टोकी करते है तो बेटों पर भी करें तो समाज मे विकृति खत्म हो जाएगी। बेटियो को पढ़ाकर उनमें आत्मविश्वास पैदा करें तो समाज को नई दिशा मिलेगी।