सात लाख रुपये के लालच में करा दी भाई की हत्या
16 जनवरी को आझई में हुई युवक हत्या में छह गिरफ्तार, दो साल पहले हुई एक हत्या के आरोपितों ने बुना था जाल
मथुरा, जासं। जैंत चौकी क्षेत्र में 16 जनवरी को हुई युवक की हत्या का पर्दाफाश हो गया है। दो वर्ष पूर्व हुई एक हत्या के आरोपितों की बातों में आकर सात लाख रुपये और भाई के हिस्से की जमीन हड़पने के लिए भाई ने भाई को ही मार डाला। पुलिस ने मृतक के भाई समेत छह गिरफ्तार किए हैं।
16 जनवरी की शाम को ज्ञानी और हरिराम निवासी आझई थाना वृंदावन को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी थी। इस घटना में ज्ञानी की मौत हो गई। पुलिस ने इस घटना में मृतक के भाई मूला उर्फ मूलचंद निवासी आझई के अलावा पदम, कुल्ली, हाकिम उर्फ कुर्री निवासी आझई, तारा, पूरन निवासी बरहररा को गिरफ्तार कर लिया है। माधव पुत्र लाखन निवासी चौंमुहां अभी फरार हैं।
एसपी सिटी श्रवण कुमार ने पुलिस लाइन में पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2016 में धीरज उर्फ धीरू की हत्या हुई थी। इस घटना में आरोपित मृतक के परिवार वालों से समझौता करना चाहते थे। जब समझौता नहीं हो सका तो मृतक के परिवार वालों को हत्या में फंसाने को यह षड्यंत्र रचा। ज्ञानी की हत्या कर धीरज के घर वालों को फंसाने का प्रयास किया। क्रिमिनल इंटेलिजेंस, स्वाट टीम और थाना वृंदावन पुलिस की ओर से जांच की गई तो किसी की लोकेशन घटना स्थल की नहीं थी। आरोपितों से तमंचा, कारतूस, करीब 83 हजार रुपया भी बरामद किए हैं। पदम और माधव ने घटना को अंजाम दिया था। आरोपितों को गिरफ्तार करने वाली टीम में जैंत चौकी प्रभारी अवधेश कुमार, क्रिमिनल इंटेलीजेंस ¨वग प्रभारी सत्यवीर ¨सह, स्वाट प्रभारी प्रवीण कुमार मिश्रा, एसआइ सुल्तान ¨सह, अर्जुन राठी, विपिन कुमार गौतम, धीरज कुमार, नीरज कुमार, हेड कांस्टेबल कृष्णा चौधरी शामिल थे। जेल में रची गई थी साजिश: हत्या की कहानी जेल में रची गई थी। दरअसल, धीरज उर्फ धीरू निवासी चौमुहां की वर्ष 2016 में हुई हत्या में समझौता नहीं हो पा रहा था। हत्या के आरोप में तीन भाई डूंगर, सत्तो, भूदेव के अलावा चौमुहां निवासी लाखन उर्फ लक्खो जेल बंद हैं। डूंगर का भाई एक बार कुल्ली जेल मिलने गया तब तय हुआ कि धीरज के परिवार वालों को हत्या में फंसा जाए।
धीरज के गांव के मूलचंद को विश्वास में लिया। लालच दिया कि यदि मूलचंद अपने भाई ज्ञानी की हत्या करा देगा तो उसको पांच लाख रुपये देंगे। इसके अलावा एससी एसटी एक्ट में दो लाख रुपये मिलेंगे। घटना में समझौता होने की स्थिति मे मिलने वाली रकम भी मूलचंद दी जाएगी। ज्ञानी की शादी नहीं हुई थी, इसलिए जमीन भी मूलचंद को ही मिलनी थी। इसके बाद ज्ञानी की हत्या कर दी गई। इसमें मृतक धीरज के पिता भूपन, भाई गोपाल, परिवार के सदस्य जीतू, पूरन आदि पर आरोप लगाया था। मूलचंद घर पर रिश्तेदार आने की कहकर ज्ञानी को लेकर आया था। पुलिस जांच में पता चला कि जेल में बंद धीरज के हत्यारोपितों की जमीन 20 लाख में बिकी है। तब 19 जनवरी को पुलिस ने कुल्ली निवासी आझई को छटीकरा राल तिरहा के पास से गिफ्तार किया। यहां से परत खुलती चली गई। तारा और पूरन निवासी बरैहरा से एक लाख में असलाह और कारतूस लिए गए। पदम और माधव ने घटना को अंजाम दिया।