आधा घंटे टोपी से खेलते रहे बंदर, पीछे दौड़ता रहा होमगार्ड
कभी चश्मे पर तो कभी पर्स पर और कभी हाथ में खाने-पीने की वस्तु ले जाते बंदर झपट्टा मार लेते हैं
वृंदावन, जासं। तीर्थनगरी में बंदरों का उत्पात दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। कभी चश्मे पर तो कभी पर्स पर और कभी हाथ में खाने-पीने की वस्तु ले जाते बंदर झपट्टा मार लेते हैं। सोमवार को बंदरों ने एक होमगार्ड को अपना निशाना बना लिया।
गोविद देव मंदिर के समीप खड़े होमगार्ड के सिर से बंदर ने टोपी उड़ा दी और फिर छत पर चढ़कर एक-दूसरे से टोपी को गेंद बनाकर खेलने लगे। अपनी टोपी पाने के लिए होमगार्ड को आधा घंटे दौड़ना पड़ा। खाने-पीने की वस्तु मिलने के बाद भी टोपी को फाड़कर ही लौटाया।
कोतवाली में तैनात होमगार्ड रामप्रकाश सोमवार की दोपहर गोविद देव मंदिर के समीप खड़ा था कि सिर से टोपी गायब हो गई। हक्का बक्का होमगार्ड कुछ समझ पाता, तब तक बंदर उसकी टोपी को लेकर दुकान की छत पर पहुंच गया। टोपी बंदर के हाथ देख होमगार्ड के होश फाख्ता हो गए और आनन-फानन में होमगार्ड ने खाने की वस्तु बंदर के लिए छत पर ही फेंकना शुरू कर दिया। बावजूद बंदर ने टोपी नहीं लौटाई। बंदर टोपी को लेकर कभी दूसरे बंदर के पास फेंक देता तो दूसरा बंदर टोपी को उसके पास फेंक देता। होमगार्ड की मदद को कुछ युवक छत पर चढ़े तो बंदर दूसरी और फिर तीसरी छत पर पहुंच गया। करीब आधा घंटे बंदरों के पीछे दौड़कर होमगार्ड पस्त हो गया, लेकिन बंदरों ने टोपी को नहीं छोड़ा। आधा घंटे बाद टोपी को फाड़ने के बाद बंदर के हाथ से छुड़ाने में एक युवक कामयाब हुआ और होमगार्ड को टोपी लौटाई।
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