बंदरों की मौत का पेटा ने लिया संज्ञान
शिकायतकर्ता से ली जानकारी जल्द ही टीम करेगी दौरा गोविद बाग इलाके में हर दिन दो या तीन बंदर मिल रहे मृत
वृंदावन, जासं। तीर्थनगरी वृंदावन में आए दिन मृत मिल रहे बंदरों का संज्ञान लेते हुए प्यूपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट आफ एनीमल (पेटा) ने जल्द ही दौरा कर मामले की जांच करने का भरोसा दिया है। बंदरों की मौत के खिलाफ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत अनेक मंत्रियों व अफसरों के समक्ष शिकायत दर्ज करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता से पेटा अधिकारियों ने रविवार को मामले की जानकारी ली थी।
एक महीने से शहर के गोविद बाग इलाके में हर दिन दो या तीन बंदर मृत मिल रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो ये मौत हीट स्ट्रोक व भोजन-पानी की कमी के चलते हो रही हैं, लेकिन एक ही इलाके में मृत मिल रहे बंदरों पर धर्मप्रेमी लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। 15 दिन से लगातार सामाजिक कार्यकर्ता दीपक पाराशर आवाज उठा रहे हैं। पुलिस और पशु चिकित्सालय में शिकायत दर्ज करवाने के साथ मृत बंदरों का पोस्टमार्टम करवाने का भी दवाब बना चुके हैं। बावजूद इसके पशु चिकित्सालय और प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा। छह दिन बीत जाने के बावजूद मृत बंदर का बिसरा फोरेंसिक लैब में जांच के लिए नहीं भेजा जा सका। पाराशर ने शनिवार को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, मुख्यमंत्री समेत अनेक अफसरों को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने की मांग की।
शिकायतकर्ता पाराशर ने बताया कि रविवार की दोपहर पेटा अधिकारी का उनके पास फोन आया और पूरे मामले की जानकारी ली। बताया कि अफसर ने सोमवार या मंगलवार को वृंदावन आकर इलाके के बारे में जानकारी करने के साथ बिसरा की फोरेंसिक जांच आदि करवाने का भरोसा दिलाया। कहा कि संस्था वन्य जीव जंतुओं के संरक्षण के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है।