वृंदावन में चांद से लौटी ऐतिहासिक माइक्रोफिल्म
अपोलो-14 के साथ भेजी गई थी यह माइक्रोफिल्मद ब्रज फाउंडेशन को गिफ्ट में मिली यह फिल्म
जागरण संवाददाता, मथुरा: चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला पहला भारतीय चंद्रयान-2 चंद्रमा की ओर रवाना हो गया है। इसके बाद कई रोचक जानकारी सामने आएंगी। फिलहाल इससे जुटी रोचक जानकारी यह है कि चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले पहले अपोलो-14 यान के साथ भेजी गई माइक्रोफिल्म की एक प्रति वृंदावन में मौजूद है। द ब्रज फाउंडेशन के संस्थापक विनीत नारायण को यह माइक्रोफिल्म अमेरिकी परिवार से गिफ्ट में मिली।
अमेरिका से छोड़ा गया अपोलो-14 यान 5 फरवरी 1971 को चंद्रमा पर उतरा। इस यान के साथ एक माइक्रो फिल्म भी भेजी गई थी। इसमें बोस्टन (अमेरिका) से प्रकाशित सबसे पुराने दैनिक अखबार द क्रिश्चियन साइंस मॉनीटर के 25 नवंबर 1908 के अंक के प्रथम पेज की फोटो शामिल थी। वर्ष 1908 में ही इस अखबार के पहले पेज पर एक प्रमुख खबर छपी थी जिसमें दावा किया गया था कि एक दिन आदमी चांद पर उतरेगा। अखबार की यह भविष्यवाणी 63 वर्ष बाद पूरी हुई।
अमरीका के रॉकेट अपोलो-14 के कमांडर कैप्टन एलान बी शैपर्ड अपने साथ नवंबर 25, 1908 के द क्रिश्चियन साइंस मॉनीटर के पहले पेज की फोटो की 100 माइक्रो फिल्म साथ ले गए। इस तरह ये 100 माइक्रोफिल्में 5 फरवरी, 1971 को चांद की सतह पर उतरी थीं।
चांद पर उतरने के बाद जब अपोलो-14 यान पृथ्वी पर लौटा तो अखबार के प्रबंधकों ने इन 100 माइक्रोफिल्म को प्लास्टिक के एक ग्लोब में संरक्षित करके उपहार के रूप में दुनिया के 100 मशहूर लोगों को भेंट किया। उन 100 लोगों में द क्रिश्चियन साइंस मॉनीटर के ब्यूरो चीफ भी शामिल थे। उन्हीं ब्यूरो चीफ की पुत्री जूली ज्वीट वर्ष 2010 में अपने पुत्र ली ज्वीट के साथ विनीत नारायण के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल होने अमेरिका से वृंदावन आए। उस समय उन्होंने यह उपहार विनीत नारायण को भेंट किया। वर्ष 2010 से श्री नारायण ने यह उपहार अपने वृंदावन स्थित निवास भजन कुटीर पर सहेजकर रखा था। शुक्रवार को वृंदावन स्थित भजन कुटीर पर मीडिया के सामने विनीत नारायण ने यह माइक्रोफिल्म दिखाई।