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हड़ताल की हुंकार में ट्रकों के थमे पहिए

मथुरा: विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार से शुरू हुई ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के चलते आज हजारों ट्रक खड़ रहे। ट्रक आपरेटर टोल टैक्स कम किए जाने और अन्य मांगों को लेकर हडताल कर रह ेहै।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 12:04 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 12:04 AM (IST)
हड़ताल की हुंकार में ट्रकों के थमे पहिए
हड़ताल की हुंकार में ट्रकों के थमे पहिए

जागरण संवाददाता, मथुरा: विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार से शुरू हुई ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल में हजारों ट्रकों के पहिये थम गए। इससे करोड़ों रुपये का कारोबार फंस गया। हालांकि कच्चे माल को 24 घंटे के लिए हड़ताल के मुक्त रखा गया। वहीं, हड़ताल अगर लंबी ¨खचती है, तो बाजार में इसका असर दिखने लगेगा।

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ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल पिछले कई दिनों से प्रस्तावित थी। इसमें सबसे प्रमुख मांग टोल टैक्स हटाना तथा डीजल को जीएसटी में शामिल करना है। इसको लेकर ट्रांसपोर्टर्स ने शुक्रवार को मंडी चौराहे पर चक्का जाम की कोशिश भी की। हालांकि पुलिस ने इसे सफल नहीं होने दिया। वहीं इस हड़ताल से करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। रोजाना करीब नौ हजार ट्रक जिले से बाहर जाते हैं और इतने ही आते हैं। जिसमें कच्चा माल जैसे दूध, सब्जी आदि के 10 फीसद ही ट्रक चले। इन्हें हड़ताल से 24 घंटे के लिए मुक्त रखा गया था। समय पूरा होते ही ये भी थम जायेंगे। ट्रक ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन मथुरा के अध्यक्ष धर्मवीर के मुताबिक जिले से रोजाना करीब नौ हजार ट्रक अन्य शहरों में जाते हैं। इनमें से सबसे अधिक आलू होता है। वहीं, जिन सामान को हड़ताल से मुक्त रख गया था उनका भी शनिवार को आवागमन बंद हो जायेगा। ट्रांसपोर्टर विष्णु अग्रवाल के मुताबिक शुक्रवार को जो सामान भरे ट्रक बाहर जा रहे थे, उन्हें नहीं जाने दिया। ये सामान होता सप्लाई--आढ़त का काम करने वाले राजकुमार अग्रवाल मांट वालों ने बताया कि अनाज मंडी से रोजाना गेहूं, सरसों आदि के 15 ट्रक जाते हैं। इनमें करीब 15 टन माल होता है। जिनकी कीमत औसतन 50 लाख रुपये होती है। एक अन्य कारोबारी ने बताया कि ठाकुर जी की पोशाक, पीवीसी पाइप, साड़ी, टोंटी, पीतल के आइटम, मशीनरी पा‌र्ट्स की भी अन्य शहरों में बड़ी मात्रा में आपूर्ति होती है। हड़ताल से ये कारोबार प्रभावित रहा।


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