निलंबित प्रधानाध्यापकों से एफआइआर कराना नियम विरुद्ध
बीएसए की कार्रवाई पर शिक्षक संगठनों ने खोला मोर्चा, ज्ञापन सौंपा
जागरण संवाददाता, मथुरा: फर्जी शिक्षकों के खिलाफ प्रधानाध्यापकों से एफआइआर कराने के बीएसए के आदेश के विरुद्ध शिक्षक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने डीएम के नाम दिए ज्ञापन में बीएसए की ओर से ही एफआइआर की मांग की है।
29 हजार विज्ञान, गणित शिक्षक भर्ती घोटाले में नौ शिक्षकों के खिलाफ तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार ¨सह ने एफआइआर दर्ज कराई थी, लेकिन वर्तमान बीएसए चंद्रशेखर फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर कराने से बच रहे हैं। इसका जिम्मा निलंबित प्रधानाध्यापकों एवं इंचार्जों पर डाल दिया है। दूसरी ओर निलंबित प्रधानाध्यापकों पर ही फर्जी शिक्षकों को बैकडेट में पदभार ग्रहण कराने का आरोप है। उप्र जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने डीएम के नाम दिए ज्ञापन में बीएसए से एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है। शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अतुल सारस्वत का कहना है कि निलंबित प्रधानाध्यापकों और इंचार्जों से प्राथमिकी दर्ज कराना कर्मचारी सेवा नियमावली का उल्लंघन हैं। संघ ने एसएसपी से भी बीएसए के प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश को निरस्त कराते हुए बीएसए से ही एफआइआर कराने की मांग की है। प्रांतीय मंत्री देवेंद्र सारस्वत, जिला महामंत्री लक्ष्मीनारायण, जिला कोषाध्यक्ष मनोज शर्मा, बदन ¨सह, कृष्ण कुमार, रीना अग्रवाल, उपेंद्र चौधरी, योगेश उपाध्याय, प्राची शर्मा आदि उपस्थित थे।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी ज्ञापन में बीएसए के आदेश की ¨नदा की है। जिलाध्यक्ष राजेश कुमार शर्मा, जिलामंत्री मनोज कुमार रावत, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार सोलंकी आदि उपस्थित थे।