मंदिरों के अधिग्रहण के पक्ष में नहीं नृत्यगोपाल
मथुरा, वृंदावन: श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास महाराज ने उम्मीद जताई कि लोक
मथुरा, वृंदावन: श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास महाराज ने उम्मीद जताई कि लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर का निर्माण सरकार और न्यायालय की सहमति से शुरू हो जाएगा। उन्होंने गंगा-यमुना की सफाई से पहले इनमें गिरने वाले नालों को बंद करने की सरकार से अपील भी की। ब्रज के मंदिरों के अधिग्रहण को लेकर उनका कहना था कि मंदिरों की मर्यादा से छेड़छाड़ का सरकार को कोई अधिकार नहीं हैं।
रमणरेती मार्ग स्थित हनुमानगढ़ी में शुक्रवार को आयोजित समारोह में भाग लेने आए महंत नृत्यगोपाल दास ने श्रीराम मंदिर निर्माण के सवाल पर कहा योगी और मोदी के साथ न्यायालय की सहमति से करीब छह महीने में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण की शुरूआत होने की पूरी उम्मीद है। मंदिर का निर्माण मोदी और योगी के कार्यकाल में ही पूरा होगा। साधन पहले से बने हैं। मंदिर के तीन हिस्से पहले से ही तैयार हैं। निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही एक हिस्से के पत्थरों को तराशना शुरू हो जाएगा। यमुना और गंगा की सफाई को लेकर उनका कहना था कि ये समस्या एक दिन की नहीं। गंगा यमुना किनारे के जो शहर हैं, उनके गंदे नाले नदियों में गिर रहे हैं। नालों को जब तक रोका नहीं जाएगा, तब तक प्रदूषण खत्म नहीं होगा। सरकार को चाहिए पहले नाले रोके फिर इसे प्रदूषण मुक्त करने की योजना पर कार्य करें। कहा दुर्भाग्य की बात है कि सरकार ने जगह-जगह नहर बना डाली है और यमुना जल ब्रज तक नहीं पहुंच पा रहा है। यमुना में भक्तों और संतों के लिए गंगा और यमुना का जल जरूर छोड़ना चाहिए। ताकि भक्त और संतों की भावना आहत न हों।
ब्रज में मंदिरों के अधिग्रहण को लेकर किए गए सवाल पर उनका कहना था कि इसकी जरूरत नहीं। उत्तर भारत में जितने भी मंदिर हैं, उनमें इतना धन नहीं। दक्षिण भारत के मंदिरों में धन अपार है। उन मंदिरों को अधिग्रहण करना चाहिए। उत्तरभारत में मंदिरों की आमदनी से ही उनकी व्यवस्थाएं संचालित हो रही हैं। सरकार को मंदिरों की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं। सरकार मंदिर के सेवायतों की इच्छा के आधार पर श्रद्धालुओं की सुविधा को दर्शन समय में कुछ बढ़ोत्तरी कर सकती है।
कासगंज ¨हसा को उन्होंने मुस्लिमों की दुर्भावना का परिणाम बताया और कहा कि सरकार को सचेत रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों को कड़ी सजा देनी चाहिए। योगी और मोदी के समय भी अगर ऐसी घटना होंगी, तो आगे क्या हालात होंगे। हमें समझना होगा।