विहिप से बड़ी लकीर खींचने की कोशिश में तोगड़िया
अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद (अहिप) का न केवल संगठनात्मक ढांचा, बल्कि उसके विचार और कार्य पद्वति विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) की तरह ही हैं। तोगड़िया की कोशिश अब विहिप से बड़ी लकीर खींचने की है।
जागरण संवाददाता, सौंख (मथुरा):अंतरराष्ट्रीय ¨हदू परिषद (अहिप) का न केवल संगठनात्मक ढांचा, बल्कि उसके विचार और कार्य पद्धति विश्व ¨हदू परिषद (विहिप) की तरह ही है। डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया स्वयं विहिप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी तल्खी दर्शाने से बच रहे हैं, लेकिन अन्य पदाधिकारी इशारों में जरूर अपना दर्द बयां कर रहे हैं। तोगड़िया की कोशिश अब विहिप से बड़ी लकीर खींचने की है।
नगला अक्खा स्थित बाबा कढेरा ¨सह डिग्री कॉलेज में चल रहे अभ्यास वर्ग में लगातार कार्यकर्ताओं के बौद्धिक सत्र हो रहे हैं। संगठन के उच्च पदाधिकारी परिषद की गतिविधियों और संगठन को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। विहिप और संघ की तरह ही दिन में दो बार कार्यकर्ताओं को चर्चा-परिचर्चा के लिए बैठाया जाता है। इसमें उनके साथ ज्वलंत समस्याओं पर विचार किया जाता है। पूर्णकालिक कार्यकर्ता चर्चा के मुख्य ¨बदुओं को नोट करते हैं और ये ¨बदु अगले दिन बौद्धिक में शामिल किए जाते हैं। बौद्धिक में भी वक्ताओं के विचारों को क्रमबद्ध किया जाता है। कार्यकर्ताओं को वर्ग के दायित्व सौंपे जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं को पूर्ण अनुशासन से इनका निर्वहन करना होगा। तोगड़िया की कोशिश इस अभ्यास वर्ग के जरिए कुशल कार्यकर्ताओं को समाज में सक्रिय करने की है। परदे के पीछे से विहिप से असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को अहिप से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।