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Mathura News: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में ईदगाह की पुरातत्व सर्वे की अपील निरस्त, जानें क्या है मामला

Mathura News श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एडीजे षष्टम के न्यायालय ने शाही मस्जिद ईदगाह के पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने की अपील को शनिवार को निरस्त कर दिया। न्यायालय ने इस अपील को बलहीन मानते हुए ये निर्णय लिया।

By Jagran NewsEdited By: Nirmal PareekPublished: Sat, 25 Mar 2023 06:08 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 06:08 PM (IST)
Mathura News: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में ईदगाह की पुरातत्व सर्वे की अपील निरस्त, जानें क्या है मामला
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में ईदगाह की पुरातत्व सर्वे की अपील निरस्त

जागरण संवाददाता, मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एडीजे षष्टम के न्यायालय ने शाही मस्जिद ईदगाह के पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने की अपील को शनिवार को निरस्त कर दिया। ये अपील अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन द्वारा पहले वाद की पोषणीयता पर सुनवाई के आदेश के विरुद्ध की थी। न्यायालय ने इस अपील को बलहीन मानते हुए ये निर्णय लिया।

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महेंद्र प्रताप ने दिसंबर 2021 में सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पुरातत्व विभाग से ईदगाह का सर्वे कराया जाए। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने वाद को सुनवाई योग्य नहीं बताया और कहा कि पहले वाद की पोषणीयता पर सुनवाई की जाए।

इस पर न्यायालय ने बीते वर्ष 21 जुलाई को पहले वाद की पोषणीयता पर सुनवाई का आदेश दिया था। इसके विरुद्ध एडीजे के न्यायालय में वादी ने अपील की थी। यहां भी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी ने तर्क दिया कि निचली अदालत ने इनके वाद को निरस्त नहीं किया था, इसलिए ये अपील ही नहीं की जा सकती है। इसलिए पहले वाद की पोषणीयता पर ही सुनवाई अनिवार्य है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को अपील को निरस्त कर दिया।

अन्य वादों पर भी पड़ेगा असर

न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित 14 वाद दायर हो चुके हैं। इसमें पैरवी न करने को कारण दो वादों को निरस्त किया जा चुका है। लखनऊ निवासी मनीष यादव के वाद पर न्यायालय ने पहले पोषणीयता पर सुनवाई का निर्णय दिया था। बाद में न्यायालय में जज का तबादला होने के बाद नए सिरे से वाद पर सुनवाई चल रही है। पहले पोषणीयता पर सुनवाई के निर्णय को शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी अन्य वादों में प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करेगी।

उसका मानना है कि इससे उसे अन्य मामलों में भी पहले पोषणीयता के बिंदु पर सुनवाई का आदेश कराने में बल मिलेगा। उधर, वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि वह अब अब उच्च न्यायालय में अपील दायर कर प्रस्तुत करेंगे।


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