रसीले कान्हा के जन्मस्थल पर लठामार, बरसा 30 कुंतल गुलाल
मयूर चुरकुल कालवेलिया नृत्य और फूलों की खेली पर झूमे दर्शक
मथुरा, जासं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर रविवार को उड़ते पचरंगी गुलाल के बीच हुई लठामार होली में श्रद्धालु झूमते रहे। दोपहर दो बजे से लेकर शाम पांच बजे तक भीड़ लीला मंच पर जमी रही। भागवत भवन और केशव देव मंदिर परिसर पर भी श्रद्धालुओं को खड़े होने तक के लिए स्थान नहीं मिल सका।
प्राचीन केशव देव कटरा पर भी लठामार होली खेली गई। वहीं दूसरी तरफ श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बाहर मुख्य मार्ग और पोतरा कुंड मार्ग पर भी हुरियारों ने जमकर गुलाल अबीर उड़ाया।
रंगभरनी एकादशी पर दोपहर में लठामार होली का शुभारंभ भगवान गणेश की वंदना के साथ हुआ। कािर्ष्ण गुरु शरणानंद महाराज ने लीला मंच पर विराजमान श्रीराधाकृष्ण के स्वरूप की आरती उतारी। बांदा, दिल्ली, जयपुर, अलवर के अलावा स्थानीय कलाकारों ने लोकगीत, भजन का गायन और नृत्य किया। कालवेलिया, मयूर, चरकुला नृत्य और फूलों की होली देखने के लिए भागवत भवन, केशव देव मंदिर परिसर में कहीं पर भी कदम रखने के लिए स्थान नहीं था। करीब 30 कुंतल केसरिया, लाल, नीला, पीला और गुलाबी गुलाल उड़ाया गया।
शाम करीब साढ़े चार बजे रावल और श्रीकृष्ण संकीर्तन मंडल के हुरियारे और हुरियारिनों ने लठामार होली का प्रदर्शन किया। श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर के बाहर प्राचीन केशव देव मंदिर में भी लठामार होली खेली गई। हुरियारे श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बाहर मुख्य मार्ग, पोतरा कुंड और गोविद नगर मार्ग पर रंग गुलाल उड़ाते रहे। संचालन दिल्ली की श्रुति खन्ना किया। श्रीकृष्ण सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य श्री गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, लठामार होली समिति के अध्यक्ष किशोर भरतिया, नंदकिशोर अग्रवाल, अनिल अग्रवाल मौजूद रहे।