ऊंचागांव में ललिता की सखियां ढो रहीं पानी
गांव में पानी की टंकी तो है लेकिन कर्मचारी नहीं दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर महिलाएं
बरसाना(मथुरा), संसू। ललिता सखी के ऊंचागांव में भले ही जल निगम ने दो-दो पानी की टंकियों का निर्माण करा दिया हो, लेकिन उसके बावजूद ग्रामीण दूर से पानी लाने को मजबूर हैं। जल निगम ने टंकियों के निर्माण के बाद इन्हें ग्राम पंचायत के अधीन कर दिया लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा टंकी पर कोई कर्मचारी तैनात नहीं किया गया। गांव के लोग खुद जाकर पानी की सप्लाई चालू करते हैं। इसके चलते घरों में कभी कभार पानी पहुंच पाता है।
ऊंचागांव भले धार्मिक महत्व में अपना स्थान रखता हो, लेकिन मूलभूत सुविधाओं से गांव के लोग आज भी वंचित है। पांच हजार की आबादी वाले गांव में करीब पांच सौ घर हैं। गांव में मीठे पानी की सप्लाई के लिए करीब चालीस साल पहले पानी की टंकी बनवाई गई थी, इससे गांव के लोगों को वर्षों तक पानी मिला। लेकिन उसके बाद जल निगम के शिथिलता व टंकी खण्डहर होने से पानी की किल्लत हो गई।
उसके बाद जल निगम द्वारा करीब चार साल पहले नई टंकी का निर्माण करा उसे ग्राम पंचायत के आधीन कर दिया। जिसके बाद वर्तमान प्रधान बिरजो ने प्रत्येक घर से बारह सौ रुपये लेकर करीब दो सौ कनेक्शन किये। इस दौरान प्रधान ने किसी कर्मचारी को रखने की जगह अपने बेटे को ही पानी सप्लाई के लिए रख लिया। इस दौरान गांव के कुछ घरों में ही पानी आता था, लेकिन बाकी के घर दूर जंगल से पानी लाने को मजबूर थे। तीन साल पहले प्रधान बने चरन सिंह ने पानी की समस्या को लेकर संघर्ष किया, लेकिन वो असफल रहे। इस समय गांव में करीब साढ़े तीन सौ कनेक्शन है पर रजिस्टर्ड सिर्फ ढाई सौ है। सौ कनेक्शन अवैध चल रहे है। इस दौरान कई वर्षों से कोई ग्रामीण पानी का बिल नही दे रहा है। इसी वजह से ग्राम पंचायत ने पानी के सप्लाई को कोई कर्मचारी तैनात नहीं किया। तभी तो गांव में कभी पानी आता है कभी नहीं। जिसके कारण ग्रामीण महिलाएं दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है।
ललिता सखी का यह गांव धार्मिक स्थलों में भी अपना अस्तित्व रखता है। लेकिन उसके बावजूद में गांव के बाशिदे पीने के पानी मोहताज है। गांव में हर रोज श्रद्धालु ललिता मंदिर के दर्शन करने आते है। जल निगम द्वारा भले ही पानी की टंकी बनवा दी गई हो, लेकिन उसके बावजूद भी ग्रामीण महिलाएं दूर से पानी लाने को मजबूर है।
घनश्यामराज भट्ट, प्रवक्ता ब्रजाचार्य पीठ ऊंचागांव। जब पानी का रोस्टर सही नही बनेगा गांव में पानी की किल्लत बनी रहेगी। ग्रामीण वर्षों से पानी का बिल नही दे रहे है तो समस्या कैसे दूर होगी। वहीं 100 से ज्यादा अवैध कनेक्शन चल रहे है तो ज्यादातर घरों ने बिना फेरुल के कनेक्शन कर लिया है। जिसके कारण आधे गांव में पानी आता है आधे गांव में नहीं।
चरन सिंह, प्रधान ऊंचागांव। ग्राम प्रधान अपने चहेतों को ही पानी की सप्लाई करता है। जबकि चार माह से एक बूंद भी पानी नलों में नही आ रहा। जिसके कारण मजबूरन जंगल से पानी लाना पड़ रहा है। पहले जल निगम द्वारा पानी की सप्लाई की जाती थी तो रोजाना पानी आता था।
-रज्जो देवी। -पता नहीं कब ऊंचागांव में पानी की किल्लत खत्म होगी। वर्षों से ही हम पानी लाने को मजबूर है। प्रधान अपनी समस्या रोता है तो जल निगम अपनी। समझ मे नहीं आ रहा है करें तो क्या करें। ग्राम प्रधान ने पानी टंकी पर अपना कोई कर्मचारी तैनात नहीं कर रखा। जिसके कारण कभी टंकी भरती है तो कभी नहीं।
-कुं. कुसुम।