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पहले सूखा, अब धान को खत्म कर रही सूड़ी

तना भेदक कीट के कारण छाता क्षेत्र में सबसे ज्यादा फसल प्रभावित दवा के छिड़काव की सलाह कृषि विभाग ने बनाईं तीन टीमें

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 12:32 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 06:25 AM (IST)
पहले सूखा, अब धान को खत्म कर रही सूड़ी
पहले सूखा, अब धान को खत्म कर रही सूड़ी

मथुरा, जासं। श्रावण मास में किसान बारिश को तरस रहा था, तो भादों में गरकी की समस्या ने उसके होश उड़ा दिए हैं। खेतों में भरा पानी सड़ रहा है। इसी सड़े हुए पानी में पैदा होकर तना भेदक कीट (सूड़ी) धान के तने से चिपकने लगी है। नतीजा धान की बाली और पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं। कृषि विभाग तीन टीम बनाकर किसानों को जागरूक कर रहा है। किसानों को दवा का छिड़काव कराए जाने की सलाह दी जा रही है।

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जिले भर में करीब 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की फसल की रोपाई की गई है। धान की अधिकांश पैदावार छाता, मांट, गोवर्धन, बलदेव, राया और गोवर्धन ब्लॉक में की जाती है। सितंबर का महीना शुरू हो गया है। बारिश ने खेतों को लबालब भर दिया है। छाता क्षेत्र के गांव सिरथला, नरी, सेमरी, बठैन, दस विसा, सात विसा सहित अन्य गांवों में खेतों में खड़ी धान की फसल गरकी की भेंट चढ़ने लगी है। इसके कारण तना भेदक कीट ने सड़े हुए पानी में अंडे देना शुरू कर दिया है। यही अंडे धीरे-धीरे फूटने लगे हैं और धान की फसल को अपनी चपेट में लेने से पौधे पर लगी पत्तियां पीली पड़ने लगी हैं तो बालियां सूखकर गिरने के कगार पर पहुंच रही हैं। क्या है तना भेदक: तना भेदक कीट (सूड़ी) सफेद रंग का कीड़ा होता है, यह धागे के समान लंबा होता है और पौध के तने पर लिपट जाता है। धीरे-धीरे तने को भीतर से भेद देता है, जिससे पोषक तत्व न पहुंचें पर पत्तियां और फूल झड़ने लगते हैं। कॉर्टऑफ का करें छिड़काव:-तना भेदक कीट को मारने के लिए दवा कॉर्टऑफ है। करीब साढ़े सात किलो दवा को यूरिया में मिलाकर उसका खेतों में छिड़काव करा देने से कीट मर जाता है। निरीक्षण को बनाई टीम:-दुग्ध विकास एवं पशुपालन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के आदेश पर कृषि विभाग ने नंदगांव, छाता और चौमुहां ब्लॉक में नष्ट फसल का निरीक्षण करने के लिए तीन टीम बनाई गई हैं। इसमें छाता में जिला कृषि अधिकारी, नंदगांव में भूमि संरक्षण अधिकारी और चौमुहां में जिला कृषि रक्षा अधिकारी के नेतृत्व में चार-चार सदस्यीय टीम बनाई गई है। यह टीम धान की फसल का निरीक्षण करने के साथ ही कैंप लगाकर किसानों को सूड़ी से बचाव का तरीका भी बताएगी। -बारिश के कारण गरकी की समस्या पैदा हो गई है। इससे सबसे ज्यादा छाता क्षेत्र के चारों ब्लॉक छाता, चौमुहां, नंदगांव और मांट क्षेत्र में फसल का सर्वे कराकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसानों को कॉर्टऑफ दवा का छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है।

धुरेंद्र सिंह, उप निदेशक कृषि।


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