मल्लपुरा में पेयजल संकट, साइकिलों से ढो रहे पानी
सरकारी सबमर्सिबल मोटर पड़ी एक महीने से खराब
मथुरा, जासं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बराबर में ही बसी है मल्लपुरा बस्ती। इसके बाहरी इलाके की जन्मभूमि और गोविद नगर की तरफ जाने वाले दोनों मार्ग चमक रहे हैं। सब कुछ व्यवस्थित है, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन करने को आ रहे तीर्थयात्रियों को यहां की तस्वीर सुकून पहुंचाने भर को काफी है। सड़क से अंदर गलियों में घुसते ही मल्लपुरा से एक ही आवाज आती है कि पानी नहीं हैं। कभी-कभार नगर निगम की सप्लाई से एक दो बाल्टी पानी बमुश्किल मिलता है। गल्तेश्वर पर लगे समर्सिबल मोटर पंप से पानी लाना पड़ रहा है, जो घरेलू खर्च में इस्तेमाल हो रहा है। पीने को बोतल का पानी मंगाना पड़ रहा है। गोकुल बैराज के पानी में कीड़े आ रहे हैं। बस्ती की समर्सिबल खराब पड़ी है। एक ओर गर्मी तेवर दिखा रही है और दूसरी तरफ इलाके के लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं। गलियों में कुछ लोगों ने जानवरों को बांधने के खूंटे गाड़ रखे हैं। इसलिए रास्तों में गोबर बिखरा दिखाई दे जाएगा। मल्लपुरा में पानी का संकट बना हुआ है। सुबह थोड़ी बहुत देर सप्लाई दी जाती है, लेकिन शाम को कभी कभार ही पानी मिल पाता है।
-नरेंद्र सिंह कुछ गलियों में पानी आता है कुछ प्यासी ही रह जाती है। गल्तेश्वर महादेव के पास लगे पंप से पानी भरकर लाना पड़ रहा है।
-बाबू लाल करीब 18 साल पहले पानी दूसरी मंजिल तक पहुंचता था, जो आजकल वाटर सप्लाई पाइप लाइन से बाहर नहीं निकल पा रहा है।
-कुंवर लाल वर्मा साफ सफाई ठीक है। गलियों में लाइट लगी हुई है। खंभों पर तार मकड़ी जाले जैसे उलझे हैं। इनको ठीक कराया जाए।
-राकेश कुमार