नाम में सुख, गंदगी देख होता दुख
सुखदेव नगर में नियमित नहीं हो रही सफाई नाले नालियां सिल्ट से अटे घरों में घुस रहा बरसाती पानी लोग झेल रहे मुसीबतें
मथुरा, जासं। कहने को बस्ती का नाम है सुखदेव नगर, लेकिन यहां के निवासी गंदगी से दुखी हैं। नियमित साफ-सफाई नहीं किए जाने से कूड़ा करकट आम रास्तों पर पड़ा रहता है। नाले-नालियां सिल्ट से अटे पड़े हुए हैं। बरसाती पानी भी घरों में घुस जाता है।
सौंख रोड और बीएसए कॉलेज मार्ग के बीच बसे सुखदेव नगर के तस्वीर कुछ ज्यादा ही भद्दी बन चुकी है। अम्बेडकर नगर के सामने से गली में प्रवेश करते ही बस्ती की बदहाली दिखाई देने लगती है। विष्णु पुरी कॉलोनी की तरफ जाने वाले मार्ग पर डलावघर सा नजारा है, जबकि राधिका विहार की तरफ के रास्ते पर कूड़े कचरा सड़क पर भी बिखरा हुआ पड़ा है। अंदर के हालात भी ज्यादा ठीक नहीं है। नालियां सिल्ट से अटी पड़ी है। कचरा इनमें भरा पड़ा हुआ है। इसकी सड़ांध से लोग परेशान है। गलियों में लगी इंटरलॉकिग भी जगह-जगह धंसक गई है। पेयजल की समस्या से अभी तक यहां के लोगों को छुटकारा नहीं मिल सका है। यहां का भूमिगत पानी खारी है और मीठे पानी के लिए अभी तक नगर निगम की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
-आजकल साफ सफाई को लेकर सरकार भी जोर दे रही है, लेकिन कॉलोनी में पड़ी रहने वाली गंदगी से लोग परेशान हैं। सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते हैं।
-राजेश अनदानी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी इस बस्ती में नहीं आ रही है। कूड़े को लोग सड़क पर ही डाल देते है। जो हवा के साथ गलियों में बिखर जाता है।
-दिनेश गोला -नालियों की सफाई समय पर नहीं कराई जा रही है। बरसात होते ही नालियां ओवरफ्लो हो जाती है और पानी भी घरों में भर जाता है। -रमजानो --जमीन का पानी खारी है। मीठे पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए लोगों को मीठा पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। मीठे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
-शाहिद अली