भर होरी के बीच सजन समधियानै आयौ..
संवादसूत्र, मथुरा, बरसाना:'नंदगांव कौ पांडे ब्रज बरसाने आयौ, भर होरी के बीच सजन समधियानै आय
संवादसूत्र, मथुरा, बरसाना:'नंदगांव कौ पांडे ब्रज बरसाने आयौ, भर होरी के बीच सजन समधियानै आयौ' कान्हा के होरी खेलबै आवे की सूचना सुनतेई सगरे बरासाने में उल्लास मच गयौ। बरसाने की ग्वालिन घूंघट में पाती लै कै आए पांडे के स्वागत कू उमड़ पड़ी। वृषभानु के महलन में नंदगाव कौ पांडे आय गयौ, या समाचार कूं सुन कै लाड़िली जू की सब सखी खुशी ते नाचवे लग गईं। जाय देखौ बुई भानु भवन में भागी जाय रही है। एक दूसरे ते हंसकै लिपट लिपट कै बाधाई दै वे लगी हैं। सखिन ने पांडे कूं घेर लीनौ है। कान्हा के दूत पांडे ते पूछवे में झड़ी लगाय दई। कब आ¨मगे ? संग में कौन कौन से सखा आय रहे हैं ? विशाखा पांडे कू खेंचवे लगी और कह रही है धनसुखा कूं तो टेसू के रंग ते भरी नांद में ही फेंक दिगें। इधर ललिता भी खैंचते भये बोली
, मनसुखा आवै तो बाय सखी बनायकै नचा¨मगे।
ऐसे ऐसे विचारन ने मन में लाय के राधा की सब सखी प्रफुल्लित रही हैं। या खुशी के उल्लास में सखिन ने बिचारे पांडे की खेंच तान कर रखी है। पांडे बरसाने आयके फस गयौ है। इन सखिन के उल्लास के मारे घबराऊ रह्यौ है और खुश भी है। मूड़ खुजाते भये सोचवे बोलौ, जाने कैसे पार परैगी इन सखियन ते। वृषभानु नंदिनी किशोरी जी जिनके मन में पांडे की दशा देख करुणा आय रही है। किशोरी जू ने अपनी सखियन कूं समझाय बुझाय कै पांडे कूं छुडायौ है। तब कहीं जायके बिचारौ पांडे भानु बाबा कूं जुहार करि के बोल पायौ कि नौमी के दिन नंदगांव ते नंद जी कौ छौना अपने सखान के संग होरी खेलबे कूं बरसाने आय रह्यौ है। जा समाचार कूं सुन कै भानु बाबा को मन बडो खुशी ते भर गयौ है। भानु बाबा नै स्वागत सत्कार के प्रबंध कर दीने हैं। बाबा ने पांडे के खाबै कूं लड्डू मंगाए है। बरसाने में जाय पतौ परी बुई लड्डू लै के भानु भवन की तरफ चल दियौ है। देखत ही देखत सबरौ बरसानौ लड्डुन ने लै के भानु भवन में जाय पहुंच गयौ । बडौ अचंभो है गयौ लड्डून कौ ढेर लग गयौ। और खाबे बारौ बस एक पांडे और वो भी बड़े बूढे। बिचारौ कितेक खाबै। ना खाबै तो छोरा की सुसरार में बडी नीची होय। पांडे भी बहुत तेज माथे बारौ है। बानै खुशी ते नाचवौ शुरु कर दीनौ । पांडे मस्ती में नाचत जा रह्यौ है और संग में लड्डुन लुटावै लग रह्यौ है। बरसाने वारी की ई अछ्वुत लीला के दर्शन लड्डू होरी में देखवे कू मिलै। चारों ओर लडुअन की बौछार है रही, और ब्रजजन लूट लूट कै खाय रहै हैं।