दाऊजी ने ओढ़ी रजाई, ब्रज में सर्दी आई
बलदेव (मथुरा): ब्रजराज बलदाऊ महाराज और रेवती मैया ने रविवार को सर्दी से बचने के लिए रजाई
बलदेव (मथुरा): ब्रजराज बलदाऊ महाराज और रेवती मैया ने रविवार को सर्दी से बचने के लिए रजाई ओढ़ ली। माघ मास की बसंत पंचमी के दिन ठाकुरजी रजाई हटा देंगे और इसके साथ ही ब्रज में होली का डांडा भी गड़ जाएगा। रविवार को दाऊजी महाराज का 437वां पाटोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही बलदेव का एक माह तक चलने वाला अगहन पूर्णिमा मेला का भी आगाज हो गया।
धार्मिक मान्यता है कि ब्रजराज सर्दी से बचाव के लिए स्वयं रुई से निर्मित रजाई धारण करके ब्रजवासियों को संदेश देते हैं कि सर्द मौसम शुरू हो गया है। वह भी सर्दी से बचाव के उपाय कर लें। इसके साथ ही बलदेव के श्री दाऊजी मंदिर में मेला शुरू हो गया। संवत 1638 ई. को बलदेव और माता रेवतीजी के विग्रह का प्राकट्य हुआ था। श्रीमद बल्लभाचार्य महाप्रभु के पौत्र गोस्वामी गोकुलनाथ ने पर्ण कुटी में श्रीविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की। एक वर्ष बाद पुन: नव निर्मित देवालय में बलदाऊ और रेवती मैया की प्राण प्रतिष्ठा की गई। पूजा-अर्चना का दायित्व गोस्वामी कल्याण देव को सौंपा गया। उनके वंशज आज भी इसी परंपरा को निभा रहे हैं।
देवालय निर्माण दिल्ली निवासी श्यामलाल सेठ ने कराया था। तब से ही पाटोत्सव मेला का आयोजन होता चला आ रहा है। इसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। दाऊजी मंदिर के रिसीवर आरके पांडेय ने बताया कि उत्सव की पूरी तैयारी है। श्रद्धालुओं की सभी सुविधाओं को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर में स्थापित विग्रह कुषाणकालीन है। दाऊजी का विशाल ¨सहासन है। विग्रह आठ फीट ऊंचा और साढे़ तीन फीट चौड़ा श्याम वर्ण का है। पीछे शेषनाग सात फनों से विग्रह की छाया कर रहे हैं। ब्रजराज के सामने उनकी सहधर्मिणी रेवती मैया का मनोहारी विग्रह स्थापित है। राजभोग में दाऊजी को खीर का भोग लगाया गया। बाल भोग में माखन मिश्री का भोग लगता है। ठाकुर जी को पंचामृत केशर स्नान कराकर अभिषेक के साथ राजाई (गद्दल) धारण कराई गई। इसलिए इस पूर्णिमा को गद्दल पूर्णिमा भी कहते हैं।
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भाजपा जिलाध्यक्ष ने किया मेला का उदघाटन
बलदेव: स्थानीय लक्खी मेले का रविवार को भाजपा जिलाध्यक्ष तेजवीर ¨सह ने फीताकाट कर शुभारंभ किया। नवनिर्वाचित चेयरमैन कमल पांडेय ने लक्खी मेला से अवगत कराया। गोकुल के नवनिर्वाचित चेयरमैन संजय दीक्षित, मदन पांडेय, आरके पांडेय, दिनेश पांडेय, दाताराम, अवध तेहरिया, मधुसुदन पांडेय, अखिलेश पाठक, दलवीर ¨सह, श्याम सुंदर पाठक, मनोज पांडेय, दाऊदयाल पांडेय, विनोद पांडेय, श्रवण पांडेय, त्रिलोकी पांडेय, रामकुमार पांडेय, मेरूकान्त पांडेय और हेमंत पांडेय आदि उपस्थित थे।