भगवान चंद्रदेव ने स्थापित किया उदासीन मत
योगानंद आश्रम में भगवान चंद्रदेव का 526 वां जन्म महोत्सव मनाया
संवाद सहयोगी, वृंदावन: उदासीन संप्रदाय के प्रवर्तक आचार्य भगवान श्रीचंद्र देव का 526 वां महोत्सव धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया। वक्ताओं ने कहा कि भगवान चंद्रदेव ने उदासीन मत की स्थापना की।
मोतीझील स्थित योगानंद आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी रुद्रदेवानंद के सान्निध्य में भगवान चंद्रदेव का प्राकट्य महोत्सव मनाया गया। महामंडलेश्वर रुदेदेवानंद ने कहा भगवान चंद्रदेव का जन्म संवत 1551 भाद्रपद शुक्ल नवमी के दिन लाहौर के पास खड़गपुर तहसील के तलवंडी ग्राम में गुरु नानक देव के यहां उनकी धर्मपत्नी सुलक्षणा देवी के गर्भ से हुआ। चंद्र देव भगवान के बाल्यकाल से ही शिव स्वरूप में दर्शन होते थे और उन्होंने धीरे-धीरे अपनी साधना को बढ़ाया और प्रत्येक व्यक्ति की ओर कदम रखते हुए उन्होंने साधु समाज को एक नई दिशा प्रदान की। आचार्य बद्रीश ने कहा भगवान चंद्र देव ने उदासीन मत का प्रकाशन किया। महंत सेवादास ने उदासीन संप्रदाय द्वारा आज समाज में राष्ट्र में अनेक प्रकार की जो सेवाओं का विस्तार पर अपने विचार रखे। महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा उदासीन संप्रदाय में हमारे आचार्यों ने उदासीन पंचायती अखाड़ा उदासीन पंचायती नया अखाड़ा के जरिए सेवाओं का संचालन किया। महंत सुबोदानंद, महंत शिवचेतन, स्वामी चंदन मुनी, स्वामी देवानंद उदासिन, महंत राघव, डॉ. लक्ष्मीनारायण मिश्र, राम गोस्वामी, शुभम पंडित समेत अनेक लोग मौजूद रहे।