प्राकट्योत्सव पर स्वामी हरिदास का किया महाभिषेक
टटिया स्थान निधिवन राज मंदिर में स्वामीजी का मनाया प्राकट्योत्सव
संवाद सहयोगी, वृंदावन: संगीत सम्राट स्वामी हरिदास के प्राकट्योत्सव पर बुधवार को उनकी साधना स्थली निधिवन राज मंदिर से लेकर हरिदासीय संप्रदाय के हर आश्रम में उल्लास नजर आया। भोर में निधिवन राज स्थित स्वामीजी के समाधि स्थल पर सेवायतों ने स्वामी हरिदास के विग्रह का पंचामृत से महाभिषेक किया। आरती उतारकर स्वामीजी के जन्मोत्सव के बधाई गायन में सेवायतों ने उन्हें रिझाया। टटिया स्थान में भी स्वामीजी के प्राकट्योत्सव पर संतों ने समाज गायन में उनके रचित पदों का गायन किया। कोरोनाकाल में भक्तों को दर्शन सुलभ न हो सके।
ठा. बांकेबिहारीजी के प्राकट्रय स्थल और स्वामी हरिदास की साधना स्थली निधिवन राज मंदिर में बुधवार सुबह स्वामीजी को जन्मोत्सव की बधाई देने पहुंचे भक्तों को निराशा हाथ लगी। सेवायत भिक्की गोस्वामी व बच्चू गोस्वामी ने स्वामीजी के समाधि स्थल पर उनके विग्रह का पंचामृत से महाभिषेक और बधाई गायन किया। हरिदासीय संप्रदाय के प्रमुख आश्रम टटिया स्थान में भी स्वामीजी के जन्मोत्सव पर स्वामीजी व ठा. मोहिनीबिहारी का महाभिषेक कर आरती उतारी तो संतों ने पदों का गायन कर समाज गायन किया।
हरिदासीय राधा प्रसाद सेवा ट्रस्ट द्वारा हरिदास पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी राधा प्रसाद देव के सान्निध्य में स्वामी हरिदास का प्राकट्य महोत्सव उल्लास पूर्वक मनाया। महंत मोहनी बिहारी शरण ने बताया समारोह में स्वामी हरिदास द्वारा रचित केली माल व विट्ठल विपुल देव द्वारा रचित वाणी के पदों का गायन हुआ। स्वामी हरिदास रसोपासना केंद्र में स्वामी हरिदास के आविर्भाव महोत्सव पर समाज गायन कर संतों ने बधाई दी।