स्वामी हरिदास के प्राकट्योत्सव पर गूंजेंगे वाणी के पद
आविर्भाव महोत्सव में गूंज रहे शास्त्रीय संगीत के स्वर आज टटिया स्थान निधिवन राज समेत अनेक मंदिर देवालयों में मनेगा स्वामी हरिदास का प्राकट्योत्सव
संवाद सहयोगी, वृंदावन: ठा. बांकेबिहारी के प्राकट्यकर्ता संगीत सम्राट स्वामी हरिदास के प्रादुर्भाव महोत्सव पर बुधवार को तीर्थनगरी में बधाई के पद गूजेंगे। टटिया स्थान पर भोर में ही स्वामीजी की समाधि पर चंदन से महाभिषेक और चंदन के पदों का गायन होगा। निधिवनराज मंदिर से लेकर हरिदासीय संप्रदाय के हर आश्रम में स्वामीजी के पदों और बधाई गायन होगा। हालांकि कोरोनाकाल में टटिया स्थान पर आयोजित होने वाला मेला रद कर दिया गया है, लेकिन ठा. बांकेबिहारी मंदिर से निकलने वाली बधाई यात्रा की रस्म कुछ सेवायतों द्वारा निभाई जाएगी।
संगीत सम्राट स्वामी हरिदास का सात दिवसीय आविर्भाव महोत्सव टटिया स्थान, स्वामी हरिदास रसोपासना केंद्र, राधाप्रसाददेवजू आश्रम में चल रहा है। इनमें सात दिन से स्वामी के पदों का गायन समाज गायन में संत कर रहे हैं। शास्त्रीय संगीतज्ञ अपनी साधना से स्वामीजी को भावांजलि अर्पित कर रहे हैं। ललित कुंज में मंगलवार को संगोष्ठी आयोजित हुई। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी राधाप्रसाद द्वारा आयोजित किए जाने वाले आविर्भाव महोत्सव की सराहना की। कहा कि स्वामी हरिदास संगीत जगत की अमूल्य निधि व महान संत थे। स्वामी गोविदनंद तीर्थ, महामंडलेश्वर स्वामी रुद्रदेवानंद, डॉ. स्वामी आदित्यानंद, नारद पीठाधीश्वर दीनबंधु दास, श्याम दास महाराज ने स्वामी हरिदास के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। कुंजबिहारी दास, मदन बिहारी दास, तरुण शर्मा, राजू अग्रवाल, पप्पू आड़तिया, घनश्याम, शिव दास प्रजापति, गोपी गोस्वामी मौजूद रहे। -यहां होंगे कार्यक्रम
हरिदासीय संप्रदाय के प्रमुख स्थान टटिया स्थान, निधिवन राज मंदिर में सुबह स्वामी हरिदास की समाधि व श्रीविग्रह का महाभिषेक होगा। इसके बाद बधाई गायन और स्वामीजी द्वारा लिखित पदों का समाज गायन संत करेंगे, लेकिन भक्तों को आश्रम में प्रवेश नहीं मिल सकेगा। आश्रम के अंदर मौजूद साधक ही उत्सव परपंरागत तरीके से मनाएंगे।