बेसहारा पशु किए स्कूल में बंद, दौड़े अफसर
संवाद सूत्र मगोर्रा सरकार भले ही गाय के संरक्षण के लिए संकल्पित हो और जगह जगह गोशाला बनवा रही हो परंतु गाय संरक्षण के उसके प्रयास नाकाफी हो रहे हैं द्य खुले में घूमते गाय और सांड फसल और किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं द्य इसी के चलते रविवार को मगोर्रा ग्राम पंचायत के कुछ किसानों ने सैकड़ों गाय और सांड घेरकर एक सरकारी विद्यालय में बंद कर दिए द्य इससे प्रशासन में हडकंप मच गया द्य देर शाम तक गोवर्धन तहसील के अफसर और पुलिस प्रशासन गाय व सांडों को मुक्त कराने में लगा हुआ था द्य मगोर्रा ग्राम
संवादसूत्र, मगोर्रा: बेसहारा पशु फसलों को उजाड़ रहे हैं। रात दिन रखवाली के बाद भी किसान फसलों को पशुओं से नहीं बचा पा रहे हैं। रविवार दोपहर को किसानों ने बेसहारा पशुओं को घेर कर नगला झींगा के प्राथमिक स्कूल में हांक दिया। सूचना मिलने पर राजस्व और जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारी भी गांव पहुंच गए। किसानों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन किसानों ने बेसहारा पशुओं को स्कूल से बाहर नहीं निकलने दे रहे थे। देर रात तक गायों को गांव मगोर्रा के पैठ बाजार की भूमि रखने के इंतजाम किए जाने की तैयारियां की जा रही थीं।
बेसहारा पशुओं के समूह के समूह गांव-गांव घूम रहे हैं और सरकार इनको गोशाला भेजने के लिए प्रशासन को निर्देशित कर रही है। मगर, प्रशासन इनका इंतजाम नहीं कर पा रहा है। रविवार दोपहर बाद ग्राम पंचायत मगोर्रा के गांव गोपालपुरा, नगला झींगा, कटैलिया और मकहेरा के किसानों ने बेसहारा पशुओं को घेर कर नगला झींगा के प्राथमिक स्कूल में हांक दिया और बाहर से गेट बंद कर दिया। ग्राम प्रधान चंद्रपाल सिंह भी पहुंच गए और बेसहारा पशुओं को मुक्त करने के लिए कहा, लेकिन किसान नहीं माने। उन्होंने सभी बेसहारा पशुओं को गोशाला भेजने की मांग की। बेसहारा पशुओं को स्कूल में भरे जाने की सूचना मिलने जिला पंचायतराज अधिकारी प्रीतम सिंह, बीडीओ बृज बिहारी, एडीओ पंचायत संजीव कुमार और इंस्पेक्टर मगोर्रा गांव पहुंच गए। बेसहारा पशुओं को मुक्त करने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग अड़े रहे। देर रात गायों को स्कूल से निकल कर मगोर्रा के पैठ बजार में रखने के इंतजाम किए जा रहे थे।
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