पूरी न हो सकी मुख्य सड़क प्लाट आवंटन में अभी इंतजार
संत समागम की तय समय पर तैयारी करना प्रशासन के लिए होगी चुनौती
संवाद सहयोगी, वृंदावन: यमुना किनारे अगले महीने शुरू हो रहे संत समागम की उल्टी गिनती शुरू हो गई हैं।,लेकिन मेले की तैयारियां अब भी जमीनी स्तर पर कम ही नजर आ रही हैं। पैंटून पुल बनकर तैयार हो गया है और देवराह बाबा घाट का काम भी अभी अधूरा ही पड़ा है। इसका उद्घाटन 16 फरवरी को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करना है।
यमुना किनारे शुरू होने वाले संत समागम की तैयारियों की धीमी गति से संत समाज पहले से ही नाराज है। पिछले दिनों ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा के सामने भी संतों ने तैयारियों में हो रही देरी पर चिता जताई थी। संतों की नाराजगी को भांप खुद ऊर्जामंत्री ने मेलाधिकारी समेत सभी विभागों के प्रभारियों से अपने कामों को 31 जनवरी तक पूरा करने के निर्देश दिए। अब तक सभी काम अधूरे नजर आ रहे हैं। ऊर्जामंत्री द्वारा दी गई तैयारियों की अंतिम तिथि को एक सप्ताह ही बचा है। अब तक न तो मुख्य सड़क का काम ही पूरा हो सका है और न ही शिविरों के लिए प्लाट आवंटन का काम हुआ। प्लाट आवंटन होने के बाद बिजली और पेयजल लाइन डाली जानी है। शिविरों के चारों ओर रास्ते भी बनाए जाने हैं। संत समागम की तैयारियों में प्रशासनिक अफसरों की ढिलाई संतों को रास नहीं आ रही है। आयोजन के नाम को लेकर पहले से ही खिन्न चल रहा संत समाज तैयारियों में देरी पर भी नाराजगी जता रहा है।
यमुना में गिर रहे नालों के विरोध में किया प्रदर्शन
वृंदावन: यमुना में खुले नाले अब तक बंद न होने के विरोध में नगरवासियों ने शुक्रवार को विहारघाट व जुगलघाट पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा करोड़ों रुपये का फंड मिलने के बावजूद यमुना की हालत जस की तस बनी हुई है।
विहार घाट एवं जुगल पर प्रदर्शन करते हुए समाजसेवी कपिल उपाध्याय ने कहा, यमुना शुद्धिकरण के नाम पर यहां का काम शून्य बना हुआ है। यमुना में सीधे नाले प्रभावित हो रहे हैं, जिसे लेकर तमाम समाजसेवी साधु संत लगातार यमुना शुद्धिकरण की मांग कर रहे हैं। लेकिन न तो केंद्र सरकार का इस ओर ध्यान है और न ही स्थानीय अधिकारी व मंत्रियों के कानों तक जूं रेंग रही है। शुद्धिकरण के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये का गबन भी किया जा रहा है। आखिरकार यह पैसा कहां लगाया जा रहा है। कपिल देव उपाध्याय व किसान गरीब, मजदूर, किसान महासंघ के अध्यक्ष ताराचंद गोस्वामी के नेतृत्व में आंदोलन करते हुए शुक्रवार को लोग गंदे यमुना जल में उतर गए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा, अगर जल्दी से नालों को बंद नहीं किया गया, तो हम स्वयं ही अपने खर्चे पर जेसीबी लाकर इन नालों को तुड़वा देंगे। यमुना में आस्था रखने वाले लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। प्रदर्शनकारियों में मोहनानंद, शिवशंकर दास, मानस आचार्य, नीलेश पांडेय, अनुराग चौधरी, आशीष पहलवान, धीरज चौधरी, सागर शर्मा, हिमांशु यादव, मोहन लाल शर्मा, लोकेश शर्मा, रविकांत गौतम, प्रतिभा, खजान सिंह, गोपाल सिंह, रमेश चंद शर्मा, संजीव गोस्वामी, ब्रजमोहन साहनी, चीकू निषाद, गोपाल भारद्वाज, अंकुर शर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, अनुज गुंदेला, उमा देवी, आशीष घोष मौजूद रहे।