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सूर्य कुंड में केवल राधारानी के लिए खिलते हैं कमल

गोपाल बाबा 25 साल से अर्पण कर रहे उन्हें, 15 साल की उम्र में आए थे बरसाना, फिर नहीं लौटे

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 12:12 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 12:12 AM (IST)
सूर्य कुंड में केवल राधारानी के लिए खिलते हैं कमल
सूर्य कुंड में केवल राधारानी के लिए खिलते हैं कमल

संवाद सूत्र, बरसाना: ऋषिकेश के रहने वाले गोपाल बाबा ने कभी नहीं सोचा कि वह बरसाना में सखी वेष में वास करेंगे, लेकिन जब 15 साल की उम्र में वह अपने गुरु कीर्तनंद स्वामी के साथ बरसाना राधारानी के दर्शन करने आए तो वह फिर कभी वापस नहीं गए।

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गोपाल बाबा बताते हैं कि उन्हें बचपन मे बरसाना सहित अष्ट साखियों के मंदिर व बाल स्वरूप राधारानी सपने में दिखा करती थीं। जब उन्होंने पहली बार खुद की आंखों से प्रियाजू को देखा तो बस उन्हीं के हो गए। तभी से गोपाल बाबा सखी वेष में राधारानी की नित्य सेवा कर रहे हैं। करीब 25 साल से वह राधारानी को नित्य कमल के पुष्प अर्पित करते आ रहे हैं।

गोपाल बाबा बताते हैं कि करीब पांच साल तक अड़ींग से कमल लाकर किशोरी जू को भेंट करते थे। करीब 10 साल तक नंदगांव से कमल लाते थे, लेकिन अब 10 साल से बरसाना स्थित सुलोकर के सूर्यकुंड से कमल लाते हैं। सूर्यकुंड में उन्होंने ही कमल लगाए हैं, जिसे अब लोग कमल कुंड भी कहते हैं। गोपाल बाबा ने कहा कि यह सेवा उन्हें खुद राधारानी ने सपने में आकर दी है। वैसे भी राधारानी कमल के फूल से ही प्राकट्य हुई थी और उनके जन्मोत्सव पर कमल के फूल में ही विराजमान कर उनके दिव्य विग्रह का अभिषेक कराया जाता है।


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