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जाट और ठाकुर मतदाताओं के रुझान पर टिकी रही सबकी नजर

चर्चा के केंद्र में इस बार मुस्लिम ज्यादा नहीं रहे फुरसत के समय में लगाते रहे कई तरह के गुणा-भाग

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 12:21 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 12:21 AM (IST)
जाट और ठाकुर मतदाताओं के रुझान पर टिकी रही सबकी नजर
जाट और ठाकुर मतदाताओं के रुझान पर टिकी रही सबकी नजर

मथुरा, जासं। चुनाव का रुझान सबकी चर्चाओं में रहा। जो वोट देकर आए, उन्हें तो अपने प्रत्याशी की जीत-हार की चिता लगी ही रही, जो अपने घर के दरवाजे पर ही बैठे रह गए। उन्होंने फुरसत का पूरा समय चुनावी चर्चा में ही बिताया। मुस्लिमों से ज्यादा इस बार लोग जाट और ठाकुर मतदाता का रुझान पता लगाने में जुटे रहे।

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लोगों को इस बात की ज्यादा जिज्ञासा रही कि दूसरे क्षेत्रों में क्या रुझान चल रहा है। सभी प्रत्याशियों के चुनावी शिविरों में तो उनका पलड़ा भारी होने की चर्चा रही है। आम मतदाता भी अपनी पसंद के विस्तार के कयास लगाता रहा। शहर के बाजारों में बंद दुकानों के बाहर वाले स्थान देर रात तक गुणा-भाग करने वालों से गुलजार रहे।

राजनीति में रुचि रखने वालों ने प्रत्याशियों के गढ़ों के बारे में ज्यादा जानकारियां जुटाई। महागठबंधन प्रत्याशी के हिमायती दरेसी रोड, डीग गेट, सदर बाजार और मलिन बस्तियों के अलावा बाहरी कॉलोनियों के मतदाताओं की पसंद का पता लगाते रहे तो भाजपा के लिए मतदान करने वालों की जिज्ञासा में घनी बस्तियां और देहात में बनी रही। हर कोई देर सायं तक चुनावी चर्चा में ही मशगूल रहा।

उम्मीद के विपरीत चुनाव में रुचि रखने वालों की चर्चा में इस बार मस्लिम नहीं रहे। इसके उलट जाट व ठाकुर मतदाताओं के रुझान पर सबसे ज्यादा कान लगे रहे। जाटव मतों के बारे में भी लामबंदी न हो पाने की चर्चा भी एक बार तेजी से फैली।


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