बाद में देखेंगे यमुना, पहले श्रीराम मंदिर: डॉ. सुब्रमण्यम
जागरण संवाददाता, वृंदावन: भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी यमुना शुद्धिकरण क
जागरण संवाददाता, वृंदावन: भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी यमुना शुद्धिकरण की मुहिम की अगुवाई मजबूती से करेंगे। यह काम वह सितंबर से शुरू कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले वह श्रीराम मंदिर निर्माण के मसले को हल होते देखना चाहते हैं। इस बार अयोध्या में दिवाली मनाने की बात कर संकेत में समझाने की कोशिश की कि तब तक मंदिर निर्माण का कोई हल निकल आएगा।
इस्कॉन मंदिर के पास श्रीकृष्ण इंटरनेशनल गेस्ट हाउस में गुरुवार को धार्मिक आयोजन में शामिल होने आए डॉ. स्वामी ने कहा अबकी बार दीपावली अयोध्या में ही मनाई जाएगी। उनका संकेत श्रीराम मंदिर के निर्माण की कोई राह तय होने से था। कहा कि ¨हदुओं की आस्था को देखते हुए कोर्ट उनके हक में फैसला भी दे सकता है। ऐसा न भी हुआ तो केंद्र सरकार नया कानून लाने से हिचकेगी नहीं। इसके बाद राम की भूमि अयोध्या पर भव्य मंदिर निर्माण होगा। डॉ. स्वामी ने कहा कि मथुरा में भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मस्जिद से मुक्त करेंगे, काशी विश्वनाथ में भी पुनर्निर्माण करेंगे। इस बीच अगर मुसलमान राजी हो जाएं तो जो 40,000 मंदिरों का मुद्दा है, वह भी हल हो सकता है। देश की अर्थव्यवस्था के सवाल पर स्वामी ने सराहना करते हुए कहा कि खतरा बस आतंकियों से ही है। उप्र में शांति व्यवस्था को सराहते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी की कार्यप्रणाली की प्रशंसा भी की। इसके बाद डॉ. स्वामी ने गेस्ट हाउस में चंद्रदास महाराज की भागवत कथा में शामिल होकर प्रवचन सुने। उन्होंने श्रद्धालुओं से यमुना शुद्धिकरण में सहयोग की अपील की। भाजपा नेता महेंद्र प्रताप ¨सह एडवोकेट, किशन ¨सह एडवोकेट, कु. नरेद्र ¨सह, अशोक प्रताप ¨सह, डॉ. निहाल ¨सह, दिनेश ¨सह, राजपाल ¨सह, श्रीदास प्रजापति, आचार्य बद्रीश, सौरभ गौड़, राजकुमार शर्मा, राजकिशोर भारती समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
पेट्रोल के दाम बढ़ना उचित नहीं:पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के सवाल पर डॉ. स्वामी ने कहा कि इसमें तो सरकार की गलती है कि एक कमेटी के ऊपर हम निर्भर हैं। कमेटी मनमानी कर दाम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि मेरी राय में पेट्रोल के दाम 35 से 40 रुपए प्रति लीटर होने चाहिए। जीएसटी में पेट्रोल-डीजल को शामिल करने के सवाल पर कहा कि जीएसटी को ही देश से खत्म कर देना चाहिए। इसकी कोई जरूरत ही नहीं थी।