100 करोड़ के दिव्य महल में ब्रज की महारानी ने दिए दर्शन
सोमवार से जनमानस के लिए खोल दिए मंदिर के कपाट, कृपालुजी महाराज की पुत्रियों ने हजारों ब्रजवासियों को बांटे उपहार
बरसाना(मथुरा), संसू। सोमवार को पहली भोर ने जैसे ही महारानी के महल को स्पर्श किया, श्रद्धा का समंदर कीरत महल की तरफ मुड़ गया। अनुमानित 100 करोड़ रुपये की लागत से बने महारानी के दर्शन को जनमानस उमड़ पड़ा। मां कीरत की गोद में विराजमान लाड़िली राधारानी के स्वरूप दर्शन को भक्त अपलक निहारते रहे। इसके साथ ही कीर्ति मंदिर के कपाट भी जनमानस के लिए खोल दिए गए।
कीरत महारानी के दिव्य महल के दर्शनों को सुबह सात बजे से ही बरसाना, देहात, गाजीपुर, श्रीनगर, ऊंचागांव, चिकसोली, मानपुर, रूपनगर के करीब 15 हजार ग्रामीण मंदिर के गेट पर पहुंच गए। आठ बजते ही मंदिर के कपाट सभी के लिए खोल दिए। ब्रजवासी कीर्ति महारानी व राधारानी के जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश कर रहे थे। भक्त कीरत महारानी की गोद में बाल स्वरूप में बैठी बृषभान दुलारी को निहारते रहे। कृपालुजी महाराज की पुत्रियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी ने ब्रजवासियों को लड्डू, कंबल व थाली भेंट की। रंगीली महल के सचिव नितिन गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को रंगीली महल परिसर में लगने वाले रक्तदान शिविर में कृपालु महाराज के हजारों अनुयायी रक्तदान करेंगे। बरसाना में कीर्ति मंदिर बनने से स्थानीय लोगों का रोजगार बढे़गा। पर्यटकों में भी इजाफा होगा। कीर्ति मंदिर की कीर्ति से बरसाना में चार चांद लगेंगे।
गिरधारी गोयन्का, व्यापारी। कृपालु महाराज ने अध्यात्म जगत को बढ़ावा देने के साथ-साथ ब्रजवासियों की सेवा में भी निरन्तर आगे रहे। उनके जाने के बाद उनकी पुत्रियों की ओर से हर वर्ष ब्रजवासियों की सेवा की जाती है।
लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, पूर्व जेल विजिटर। बरसाना आने पर हमें पहली बार जानकारी हुई कि राधारानी की मां का नाम कीरत है। वहीं, उनकी अष्टसाखियों के नाम व दर्शन भी पहली बार कीर्ति मंदिर में करने को मिले।
स्वप्रिल, श्रद्धालु मप्र। राधा को गोद में लिए उनकी मां के अदभुत झांकी के दर्शन विश्व में कही नहीं होंगे। हम बरसाना कई बार बरसाना आए, लेकिन इस तरह के दर्शन पहली बार हुए।
महिमा, जयपुर।