Move to Jagran APP

चित्रा के गांव की प्यास बुझा रही कृष्णा

2010 में बसपा सरकार द्वारा टीटीएसपी योजना के तहत दस हजार लीटर की पानी की टंकी बनाई गई थी और पूरे गांव में पाइप लाइन बिछाई गई। लेकिन टंकी तो बनी पर नलों से पानी नहीं आया। आज भी जलनिगम की यह टंकी शोपीस खड़ी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 11:42 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 11:42 PM (IST)
चित्रा के गांव की प्यास बुझा रही कृष्णा
चित्रा के गांव की प्यास बुझा रही कृष्णा

बरसाना (मथुरा), संवाद सूत्र। राधा की प्रिय सखी चित्रा के गांव चिकसौली पानी की बूंद-बूंद को मोहताज था। रहनुमाओं के आश्वासनों के बाद भी नल से पानी की धार नहीं आई। पानी की किल्लत को दूर करने के संकल्प ने महिला प्रधान को पानी की देवी बना दिया। खुद के निजी खर्चे से कृष्णा ने ढाई हजार की आबादी वाले गांव में पानी की समस्या को खत्म कर दिया। कृष्णा के इस प्रयास के बाद पूरा गांव मीठा पानी पी रहा है।

loksabha election banner

बरसाना से सटे चित्रा सखी का गांव चिकसौली परिक्रमा मार्ग का प्रमुख स्थल है। राधाकृष्ण से जुड़ी कई लीलाओं के चिह्न भी विलासगढ़ की पहाड़ी पर स्थित है। कई सालों से ग्रामीण जंगलों से पानी लाने को मजबूर थे। प्रधान कृष्णा देवी ने 2015 में अपने निजी प्लाट में बोरिग कराने के बाद पाइप लाइन से गांव में मीठा पानी पहुंचाया है। बीच गांव में प्रधान कृष्णा ने 10 हजार लीटर की पानी की टंकी रखी है, जिससे पूरा गांव मीठा पानी भरता है। हर माह पानी की सप्लाई का बिजली बिल का भुगतान प्रधान अपनी जेब से करती हैं। मोटर भी स्वयं सही कराती हैं। पूरा गांव महिला प्रधान को धन्यवाद देता है। बसपा सरकार में बनी थी पानी की टंकी

2010 में बसपा सरकार की ओर से टीटीएसपी योजना के तहत 10 हजार लीटर की पानी की टंकी बनाई गई थी और पूरे गांव में पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन नलों से पानी नहीं आया। आज भी जलनिगम की यह टंकी शोपीस खड़ी हुई है। ब्रज फाउंडेशन ने कुछ माह बुझाई थी प्यास

2015 में ब्रज फाउंडेशन ने भी पानी की समस्या को दूर करने के लिए प्रत्येक घर से 750 रुपये लेकर 300 के करीब कनेक्शन किये थे, लेकिन करीब छह माह तक ही पानी मिला उसके बाद बन्द हो गया। शोपीस बनी हुई है पाइप लाइन

पांच माह पहले विधायक निधि से पूरे गांव में पाइप लाइन डाली थी, लेकिन उक्त पाइप लाइन भी शोपीस बनी हुई है। गांव में नहीं हैंडपंप व कुंआ

गांव में एक भी कुंआ व हैंडपंप नहीं है। इसका यह भी कारण है कि उक्त गांव बसावट पहाड़ी के समीप है। इसलिए बोरिग नही हो पाती है। इनका कहना है

गांव की महिलाएं व छोटे-छोटे बच्चे सिर पर पानी लेकर कड़ी धूप में जंगलों से आते थे। यह देख निजी खर्चे से इस समस्या को दूर किया। सांसद, विधायक व डीएम को कई बार पानी की समस्या से अवगत करा दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

- कृष्णा देवी प्रधान। मेरी शादी को आठ साल हो गए, लेकिन चार साल से प्रधान ने पानी की समस्या को दूर किया है। अब दो किलोमीटर दूर जंगलों में नही जाना पड़ता। जबकि पहले हमें पानी के लिए सुबह शाम जंगलों में जाना पड़ता था।

-राधिका देवी। 11 साल पहले जब मेरी शादी हुई थी तो मुझे बड़ा अजीब लगता था कि यहां की महिलाएं दूरदराज से पानी भरकर लाती हैं। प्रधान कृष्णा देवी ने महिलाओं के दर्द को समझते हुए गांव में ही मीठे पानी को उपलब्ध करा दिया।

वीरवती देवी। चिकसौली गांव भले ही धार्मिक स्थल में अपनी पहचान रखता हो, लेकिन प्रदेश सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पूरे गांव में एक भी सरकारी पानी का नल नहीं है।

शेरपाल महिला प्रधान की ओर से पानी की टंकी परिक्रमा मार्ग में लगवाई गई है। इससे ग्रामीणों के साथ-साथ श्रद्धालु भी मीठा पानी पीते हैं। चार साल पहले गांव में बड़ी पानी की किल्लत थी।

नन्दो

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.