ऑनलाइन जानिए संग्रहालय का वैभव
विश्व संग्रहालय दिवस संग्रहालय ने प्रदर्शनी के लिए तैयार किया ऑनलाइन प्लेटफार्म ब्लर्ब- संग्रहालय ने यू-ट्यूब चैनल भी किया है तैयार जिसपर घर बैठे ही मथुरा का स्वर्णिम अतीत देख सकते हैं
नवनीत शर्मा, मथुरा : मथुरा संग्रहालय। हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति और सभ्यता का आईना। बेजोड़, बेशकीमती, लाजवाब मूर्तियों का खजाना। ब्रज के भूगर्भ से निकलीं ये मूर्तियां इतिहास प्रेमियों के लिए अद्भुत, अकल्पनीय भी। खासियत ये कि कुषाण, गुप्त और मौर्यकाल की बेजोड़ कला इनमें समाहित हैं। लॉकडाउन के कारण इतिहास प्रेमी संग्रहालय नहीं जा सकते, तो उनके लिए इस बार ऑनलाइन मूर्ति प्रदर्शनी लगाई गई है।
कहते हैं किसी भी शहर को जानने के लिए उसका अतीत जानना जरूरी है। प्राचीन स्थल शहर के वैभव का प्रदर्शन करते हैं। मथुरा का इतिहास जानना है तो संग्रहालय से बेहतर कुछ नहीं। मथुरा की खोदाई में निकली मूर्तियां सात समंदर पार भी संग्रहालय की शोभा बढ़ा रही हैं। दुनिया भर के मूर्तिकला विशेषज्ञ, शिक्षक, छात्र मूर्ति कला के अध्ययन के लिए यहां के संग्रहालय में आकर शोध पूरा करते हैं। मथुरा संग्रहालय को ही भगवान श्रीकृष्ण और महात्मा बुद्ध की प्रथम प्रतिमा रखने का गौरव भी प्राप्त है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान खोदाई में दुलर्भ कलाकृति, संस्कृति से सुसज्जित मूर्तियां निकलीं। लॉकडाउन के कारण पर्यटक संग्रहालय नहीं जा पा रहे हैं। दर्शकों के लिए राजकीय संग्रहालय ने ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया है। जिन पर संग्रहालय में आयोजित शैक्षिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम देखे जा सकेंगे। विश्व संग्रहालय दिवस पर संस्कृति विशिष्ट कलाकृतियों की ऑनलाइन छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया है। यह प्रदर्शनी संग्रहालय के फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब पर देख सकेंगे।
वर्जन-
लॉकडाउन के कारण दर्शक संग्रहालय नहीं जा सकते। इसके कारण ऑनलाइन प्रदर्शनी की व्यवस्था की है। इस पर करीब दो दर्जन से अधिक चुनिदा मूर्तियों की ऑनलाइन प्रदर्शनी आयोजित की है। संग्रहालय ने यू-ट्यूब चैनल भी तैयार किया है।
-डॉ. यशवंत सिंह राठौर-उप निदेशक, संग्रहालय
यह है संग्रहालय का खजाना
पाषाण प्रतिमाएं - 5058
मृण मूर्तियां - 2797
धातु कलाकृतियां-350
मिट्टी के बर्तन -292
चित्र- 415
विविध-1283
सौंख संकलन- 12000
स्वर्ण सिक्के -178
रजत सिक्के-5567
ताम्र सिक्के - 15531
आभूषण-32