कश्मीरियों ने लगाए राधा-कृष्ण के जयकारे
वृंदावन: जम्मू-कश्मीर राज्य से आए श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि पर गुरुवार को संकल्प लेकर अपनी चौरासी कोस यात्रा का शुभारंभ किया। केशी घाट पर सभी ने घाटी में सौहार्दपूर्ण वातावरण लौटाने की कामना भी मां यमुना से की। जम्मू-कश्मीर घाटी के ऊधमपुर, कठुआ, हीरा नगर, सांबा, जम्मू, बिलावर व रामकोट से सैकड़ों श्रद्धालु गुरुवार को यहां पहुंचे। आधा दर्जन से ज्यादा जिलों से आए श्रद्धालुओं ने वृंदावन में यमुना पूजन किया। तीर्थ पुरोहित नन्हीं गौड़ ने यमुना महारानी का दुग्धाभिषेक कर पूजन कराया।
वृंदावन: जम्मू-कश्मीर राज्य से आए श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि पर गुरुवार को संकल्प लेकर अपनी चौरासी कोस यात्रा का शुभारंभ किया। केशी घाट पर सभी ने घाटी में सौहार्दपूर्ण वातावरण लौटाने की कामना भी मां यमुना से की।
जम्मू-कश्मीर घाटी के ऊधमपुर, कठुआ, हीरा नगर, सांबा, जम्मू, बिलावर व रामकोट से सैकड़ों श्रद्धालु गुरुवार को यहां पहुंचे। आधा दर्जन से ज्यादा जिलों से आए श्रद्धालुओं ने वृंदावन में यमुना पूजन किया। तीर्थ पुरोहित नन्हीं गौड़ ने यमुना महारानी का दुग्धाभिषेक कर पूजन कराया।
पूजन के बाद ऊधमपुर के परमानंद ने बताया कि हमेशा उन्हें खतरे के साए में जीवन गुजारना पड़ रहा है। यहां भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि के दर्शन कर शांति की अनुभूति हो रही है। यहां जैसा माहौल हमारे यहां नहीं है। सांबा जिले की कमलावती ने कहा कि वह चाहती हैं कि पूरी कश्मीर घाटी आतंक से मुक्त हो, ताकि वहां रहने वाले लोग बिना डर के ¨जदगी बिता सकें।
पुरोहित नन्हीं गौड़ ने बताया कि दस दिन तक चलने वाली चौरासी कोस परिक्रमा यात्रा में प्रतिदिन सुबह वाहनों से श्रद्धालुओं को ले जाया जाएगा और इनका रात्रि विश्राम वृंदावन में ही होगा।