जन्मस्थान और कुसुम सरोवर पर जीवंत होंगी कृष्ण लीलाएं
लाइट एंड साउंड शो के लिए जन्मभूमि पर बन रहा लीला मंच गोवर्धन के कुसुम सरोवर पर लगेगा म्यूजिकल डासिंग फाउंटेन
नवनीत शर्मा, मथुरा: धर्म ग्रंथों में श्रीकृष्ण की लीलाएं पढ़ी हैं। विद्वजनों से सुनी हैं। मंदिरों में प्रतिमाएं साक्षात्कार कराती हैं। अब जन्मस्थान पर इन लीलाओं से फाग स्क्रीन, लेजर शो, लाइट एंड साउंड शो के जरिए रूबरू कराया जाएगा। जन्मभूमि पर इसके लिए लीला मंच तैयार किया जा रहा है। गोवर्धन के कुसुम सरोवर पर इस तरह के आयोजन के लिए म्यूजिकल डासिंग फाउंटेन लगाया जाएगा।
उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद की ये पहल काफी आगे बढ़ चुकी है। शनिवार को कई कंपनियों ने अपने-अपने प्रजेंटेशन दिए। परिषद अब इनमें से किसी एक कंपनी का चयन करेगी। लीलाओं से संबंधित स्क्रिप्ट तैयार कराई जा रही है। मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति इसे अंतिम रूप देगी। चयनित कंपनी इस स्क्रिप्ट के आधार पर ही चित्रण तैयार करेगी। जन्मभूमि: फाग स्क्रीन पर चित्रण होगा अनूठा
जन्मभूमि पर फाग स्क्रीन पर कान्हा लीला करते नजर आएंगे। लीलाओं के चित्रण को पार्श्व से आवाज दी जाएगी। दर्शकों को आभास होगा कि वे लीला से साक्षात्कार कर रहे हैं। यहा पर लेजर शो और थ्रीडी मैपिंग के जरिए भी इसी तरह का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए लीला मंच का निर्माण कराया जा रहा है। खासियत
- 15 करोड़ रुपये लागत आएगी जन्मभूमि पर पूरे सिस्टम पर
- 02 शो रोजाना होंगे
-30 मिनट की अवधि का होगा एक शो
-500 दर्शक बैठ सकेंगे एक साथ कुसुम सरोवर: पानी के फव्वारे पर उभरेंगे राधा-कृष्ण के चित्र
गोवर्धन स्थित प्राचीन कुसुम सरोवर पर म्यूजिकल डासिंग फाउंटेन लगाया जाएगा। पानी की उठतीं धारों पर राधा-रानी की लीलाओं के चित्र उभरेंगे। पार्श्व से लीलाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। फायर फ्लेम से दर्शकों को आग का आभास होगा। मान्यता है कि कुसुम सरोवर में राधारानी ठाकुर जी का श्रृंगार करती थीं। विशेषता
-05 करोड़ रुपये आवंटित किए सरकार ने
-02 शो होंगे रोजाना
-30 मिनट की अवधि होगी एक शो की
-200 के करीब श्रद्धालु एक साथ बैठ सकेंगे
-फाग स्क्रीन के जरिए चित्रण अपने आप में पहला प्रयोग है। कंपनियों ने शनिवार को प्रजेंटेशन दिए हैं। स्क्रिप्ट तैयार कराई जा रही है। मई तक दोनों स्थलों पर आयोजन शुरू होने की उम्मीद है।
- नागेंद्र प्रताप सिंह, सीईओ, ब्रज तीर्थ विकास परिषद