बहनों की आंखें भीगीं, तो बंदी भी भावुक हुए
जेल में 1200 भाइयों के राखी बांधने पहुंचीं 2250 बहनें, कड़े रहे सुरक्षा बंदोबस्त
जागरण संवाददाता, मथुरा : रक्षाबंधन पर जेल में निरुद्ध भाइयों की कलाई राखी से सजाने के लिए बहनों का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त से गुजरने के बाद भाइयों से मिलकर जहां बहनों की आंखें भीगीं, वहीं विभिन्न अपराधों में बंदी भाई भी भावुक हुए बगैर नहीं रह सके। इस सबके बीच 454 बंदी ऐसे रहे जिनकी कलाई सूनी ही रह गईं। कुल 2250 बहनों ने जेल में पहुंचकर 1200 कैदियों के राखी बांधी।
रक्षाबंधन के मद्देनजर जेल के अंदर और बाहर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। अंदर की कमान जहां जेलर एके पांडेय के निर्देशन में अधीनस्थ संभाले हुए था, वहीं बाहर सदर थाना प्रभारी धर्मेंद्र दहिया फोर्स के साथ डटे थे। सुबह सात बजे से ही बहनों का जेल पर पहुंचना शुरू हो गया। यहां मुख्य द्वार पर ही उनका सामान आदि चेक किया गया। पूरी संतुष्टि के बाद जेल प्रशासन ने बहनों को भाइयों के राखी बांधने और मिठाई खिलाने की अनुमति दी। जेल में यह सिलसिला शाम पांच बजे तक चला। इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा शिफ्टों में 2250 बहनों को जेल के अंदर प्रवेश कराया गया। अंदर के नजारे काफी भावुक थे। ज्यादातर बहन-भाई आपस में मिलकर रोने लगे। कलाई पर राखी बांधने से पहले बहनों ने भाइयों से प्रण लिया कि वह जेल से छूटने के बाद कोई अपराध नहीं करेंगे।
जेलर एके पांडेय ने बताया कि इस वक्त जेल में 1654 कैदी हैं, मगर आज मिलाई 1200 की ही हुई है। इस तरह देखा जाए तो 2250 बहनों ने इन्हीं 1200 भाइयों की कलाई पर राखी बंधी है। जेल में निरुद्ध 454 बंदियों की बहनें राखी बांधने नहीं पहुंचीं और उनकी कलाई सूनी ही रहीं।