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पानी है जीवन की आस, इसे बचाने का करो प्रयास

जागरण संवाददाता, मथुरा : पानी का सदुपयोग करो, इसका ना दुरूपयोग करो, पानी है जीवन की आस इ

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 11:52 PM (IST)Updated: Thu, 12 Apr 2018 11:52 PM (IST)
पानी है जीवन की आस, इसे बचाने का करो प्रयास
पानी है जीवन की आस, इसे बचाने का करो प्रयास

जागरण संवाददाता, मथुरा : पानी का सदुपयोग करो, इसका ना दुरूपयोग करो, पानी है जीवन की आस इसे बचाने का करो प्रयास की गूंज के मध्य गुरुवार को छात्राओं ने अपने संदेशों माध्यम से जल बचाने की अपील की। विशेषज्ञों ने जल संरक्षण से भविष्य में होने वाले लाभों से छात्राओं को अवगत कराया। छात्राओं ने भी अपने मन की जिज्ञासाएं सभी के समक्ष रखीं।

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दैनिक जागरण द्वारा जल बचाने के लिए शुरू की गई मुहिम जल जागरण के अंतर्गत गुरुवार को स्टेट बैंक चौराहे के समीप स्थित खजानी वूमेंस इंस्टीट्यूट में संगोष्ठी आयोजित की गई। विशेषज्ञों ने अपनी मानसिक व ताíकक शक्ति का प्रदर्शन करते हुए मौखिक व प्रयोगात्मक तरीके से छात्राओं को जल बचाव के उपायों से अवगत कराया। पावनी खंडेलवाल ने साउथ अफ्रीका के शहर केपटाउन का उदाहरण देते हुए बताया कि यहां पानी की इतनी कमी है कि लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। पानी की महत्वता उसी क्षेत्र में जानी जा सकती है जहां वर्तमान में इसकी कमी है। कहा कि इसके लिए सरकारी स्तर पर भी प्रयास हों, प्राय: देखा जाता है कि नगर निगम के अधिकांश नल यूं ही खुले रहते हैं जिससे हजारों-लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। रेनू डे ने कहा कि प्राधिकरण को चाहिए कि घर का नक्शा पास करते समय यह प्रावधान करे कि वहां वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगा हो। इसके लिए जन जागरूकता की आवश्यकता है। इसके लिए दैनिक जागरण द्वारा छेड़ी गई मुहिम प्रशंसनीय है। शिखा बंसल ने कहा कि पानी की बर्बादी को रोककर ही अपना कल बेहतर बनाया जा सकता है आने वाले समय में पानी एक विकट समस्या के रूप में उभरकर सामने आने वाला है। उन्होंने जल ही जीवन है का नारा देते हुए इसे बचाने की अपील की।

-इसकी शुरूआत सभी को अपने ही घरों से करनी चाहिए। छोटी-छोटी गलतियों से ही पानी की अधिक बर्बादी होती है जैसे आरओ सिस्टम, नहाते समय शावर व नल का अधिक उपयोग, पाइप से धुलाई आदि में कमी करके पानी को बचाया जा सकता है।

शिप्रा राठी, सेंटर संचालिका

-जीव-जंतुओं के लिए भी जल उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की एक मनुष्य के लिए। जल ही जीवन है। वर्षा के पानी का संचय करके उसका प्रयोग किया जा सकता है अन्यथा किसी पानी के लिए जरूरत मंद व्यक्ति की पूíत भी इससे की जा सकती है।

आयुषि मल्होत्रा, शिक्षिका

-भूमि का जलस्तर लगातार घट रहा है लेकिन किसी का भी इस और ध्यान नहीं है। आने वाले समय में इसकी कमी होगी तब लोगों को इसकी महत्व पता चलेगा। यदि अभी से इसका बचाव किया जाए तो आने वाली पीढ़ी लाभांवित होगी।

मोहिनी रोहिला, छात्रा

-पानी कहने को तो अमूल्य है लेकिन अभी से यह बिकने लगा है। भविष्य में इसकी कीमत वर्तमान से कई गुना हो जाएगी। दैनिक दिनचर्या में सभी को जल संरक्षण को अपन आदतों में शुमार करना होगा। तभी इसमें कमी लाई जा सकती है।

हिमानी शर्मा, छात्रा-


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