आइटीआइ सेकेंड सेमेस्टर में आर्ट का पर्चा लीक
हजारीमल सोमानी में पकड़ी गई फोटोस्टेट सॉल्व कॉपी, पांच परीक्षार्थियों पर पेपर शुरू होने से पहले मिली नकल
जागरण संवाददाता, वृंदावन (मथुरा): आइटीआइ सेकेंड सेमेस्टर का शनिवार को आर्ट का पेपर लीक हो गया। केंद्र व्यवस्थापक ने पांच परीक्षार्थियों की चे¨कग के दौरान पेपर की फोटोस्टेट सॉल्व शीट पकड़ ली। पांचों परीक्षार्थियों की कॉपी सील कर पुलिस और आइटीआइ प्रबंधन को जानकारी दी गई। सॉल्व पेपर पकड़े जाने से मचे हड़कंप के बाद देरी से आए तमाम परीक्षार्थियों को गेट पर ही रोक दिया गया, जिससे वे परीक्षा देने से वंचित रह गए।
शनिवार को वृंदावन के पांच सेंटरों हजारीमल सोमानी कॉलेज, विद्यापीठ इंटर कॉलेज, प्रेम महाविद्यालय, नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज और परमेश्वरी देवी धानुका विद्यालय में आइटीआइ सेकेंड सेमेस्टर का आर्ट का पेपर था। हजारीमल सोमानी इंटर कॉलेज में सुबह 9.30 बजे शुरू हुई परीक्षा में 400 परीक्षार्थी बैठे। कॉलेज के प्रधानाचार्य और केंद्र व्यवस्थापक डॉ. राकेश माहेश्वरी ने पेपर शुरू होने से पहले कुछ परीक्षार्थियों की चे¨कग की तो शाहजहां, हेमंत कुमार, अरुण शर्मा, लाजपत राय और धर्मवीर यादव के पास से पेपर की सॉल्व फोटोस्टेट कॉपी मिली।
केंद्र व्यवस्थापक ने बताया कि पेपर लीक होने की जानकारी उन्होंने आइटीआइ कालेज प्रबंधन और पुलिस को दी है। उन्हें पता चला था कि पेपर शुरू होने से पहले कॉलेज के आसपास कुछ लोग सॉल्व पेपर बेच रहे हैं। उन्होंने पांचों परीक्षार्थियों की कॉपी सील कर दी हैं। आइटीआइ के प्राचार्य वाईपी ¨सह ने कहा कि परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई है। मामले की जानकारी उच्च स्तर पर दे दी गई है। -पहली बार आइटीआइ से बाहर हुई परीक्षा
आइटीआइ की परीक्षा हमेशा स्वकेंद्र प्रणाली के आधार पर होती थी। इस साल पहली बार दूसरे कॉलेजों में सेंटर पड़ने से परीक्षार्थियों में पहले से ही हड़कंप मचा हुआ था। इसका फायदा उठाने के लिए पर्चा लीक करने और उसे सॉल्व कराने वाला गैंग सक्रिय हो गया। दर्जनों विद्यार्थी नहीं दे सके परीक्षा
हजारीमल सोमानी नगर निगम इंटर कॉलेज में सुबह परीक्षा देने के लिए देर से पहुंचे करीब दो दर्जन परीक्षार्थियों को एंट्री नहीं मिल सकी। उनका कहना था कि वृंदावन में ट्रैफिक जाम के कारण घंटों जाम में फंसे रहे। केंद्र व्यवस्थापक डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि पेपर लीक होने के बाद इन परीक्षार्थियों को प्रवेश दिला पाना संभव नहीं था।