जिम्मेदारों की अनदेखी, ट्रामा के नाम पर खुली दुकान
जिले में एक भी मानकों पर खरा नहीं उतर रहा एक भी ट्रामा सेंटर जिम्मेदारों की ओर से भी नहीं किए जा रहे निरीक्षण
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिले में एक भी ट्रामा सेंटर मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। शहर में भले ही आपको राजमार्ग से लेकर गली मुहल्लों में ट्रामा सेंटर के बोर्ड लगे हुए दिखाई दे रहे हो। लेकिन सरकारी दस्तावेजों में एक्सपर्ट कमेटी के जरिए जिले में ट्रामा सेंटर होने की कोई जानकारी ही नहीं है। यानि जिले में दर्जनों की तादाद में खुले ट्रामा सेंटर केवल नाम के आधार पर स्वघोषित ट्रामा सेंटर हैं। शहर में एक दर्जन से अधिक फर्जी ट्रामा सेंटर बिना मानकों को पूरे किए धड़ल्ले से अपनी दुकानें चला रहे हैं। ऐसा नहीं है कि मुख्य सड़क पर बने इस बहुमंजिला अस्पतालों के स्वघोषित ट्रामा सेंटर होने से स्वास्थ्य महकमा अनजान है, लेकिन महकमे में लंबे समय से जमे अधिकारियों के साथ हुए गठजोड़ से सारा धंधा फल-फूल रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे खुले प्रमुख अस्पतालों का ही रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग से मांगा गया तो मालूम चला कि यहां पर सिर्फ पंजीकरण है। ट्रामा सेंटरों का रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग के पास अलग से नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि उनके यहां अस्पताल, नर्सिंग होम और लैब तीन वर्ग में ही पंजीकरण है। हद तो तब हो गई, जब मेटरनिटी जैसी सुविधाओं वाले हास्पिटल में भी ट्रामा सेंटर का बोर्ड लगा रखा है। इनके यहां स्वास्थ्य अधिकारी जांच पड़ताल के लिए नहीं पहुंचते हैं। जिसकी वजह से यह चिकित्सक मनमर्जी से मरीजों को लूटने का काम कर रहे हैं।
- अगर कहीं गलत तरीके से ट्रामा सेंटर खुला हुआ है तो उसका निरीक्षण कर जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। कोई मरीजों से गलत तरीके वसूली कर रहा है तो इसकी शिकायत दर्ज कराएं।
डा. रचना गुप्ता, सीएमओ