मंदिर से हटे सेवायतों का अतिक्रमण तो श्रद्धालुओं को मिले सुविधा
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में प्रबंधन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिसर का विस्तारीकरण कर रहा है। ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में खड़े होने के लिए अधिक जगह मिल सके। लेकिन मंदिर के अंदर सेवायतों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की जहमत तक प्रशासन और प्रबंधन नहीं उठा पा रहा है। जबकि एक साल पहले ही मंदिर प्रशासक ने मंदिर के अंदर और बाहर चबूतरे पर हो रहे सेवायतों के अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। मंदिर सेवायत भी श्रद्धालुओं की दिक्कतों को बढ़ाते नजर आते हैं।
वृंदावन: ठा. बांकेबिहारी मंदिर में प्रबंधन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिसर का विस्तारीकरण कर रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर में खड़े होने के लिए अधिक जगह मिल सके, लेकिन मंदिर के अंदर सेवायतों के किए गए अतिक्रमण को हटाने की जहमत तक प्रशासन और प्रबंधन नहीं उठा रहा।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर का चबूतरा भले ही बड़ा है, लेकिन सेवायतों के अतिक्रमणों से चबूतरे पर श्रद्धालुओं का खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। सेवायतों की गद्दी के आगे रखे तख्त, कुर्सी के अलावा दुकानदारों ने भी अतिक्रमण कर रखा है। मंदिर के बाहर की बात छोड़ दी जाए तो अंदर भी सेवायतों ने अपनी गद्दियां लगाकर अतिक्रमण कर रखा है। इन गद्दियों पर सेवायत अपने यजमानों को बिठाकर पूजा आदि करवाते हैं तो पीछे से आ रहे श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है और मंदिर परिसर में भीड़ का दबाव बनता दिखाई देता है।
मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन ने पिछले साल दिसंबर के अंतिम हफ्ते में मंदिर में नोटिस चस्पा करके सेवायतों से अपने अतिक्रमण हटाने की अपील की थी। बावजूद इसके सेवायतों ने मंदिर प्रशासक के आदेश को कोई तवज्जो नहीं दी। मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि कई बार सेवायतों से अतिक्रमणों को हटाने की अपील की गई, लेकिन सेवायत कुछ दिन गद्दियां हटा लेते हैं। फिर से मनमानी शुरू कर देते हैं।