Move to Jagran APP

अपनी अष्टसखियों के संग राधा बिखेरेंगी होली के रंग

पहली बार राधा की अष्टसखी बरसाएंगी नंदगांव के हुरियारों पर लट्ठ क्रांति दल ने भेजा अष्टसखी गांव की महिलाओं को निमंत्रण

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 11:57 PM (IST)
अपनी अष्टसखियों के संग राधा बिखेरेंगी होली के रंग
अपनी अष्टसखियों के संग राधा बिखेरेंगी होली के रंग

बरसाना(मथुरा), संसू। अपनी अष्टसखियों के साथ नंदगांव के हुरियारों पर प्रेमपगी लाठी बरसाती नजर आएंगी बृषभान दुलारी। यह सुनकर आपको अजीब तो लग रहा होगा क्योंकि बरसाना की लठामार होली में तो सिर्फ कस्बे की ही महिलाएं नंदगांव के हुरियारों पर लाठी बरसाती नजर आती हैं।

loksabha election banner

पहली बार शहीद भगत सिंह क्रांति दल की ओर से अष्टसखी गांव की महिलाएं भी होली में अपनी सहभागिता देंगी। इसके लिए दल के कार्यकर्ताओं ने अष्टसखी गांव जाकर महिलाओं को तैयार किया है।

विश्व पटल पर बरसाना की लठामार होली वैसे तो प्रसिद्ध है, लेकिन उक्त होली में और चार चांद लगाने के लिए शहीद भगत सिंह क्रांति दल प्रयासरत है। बंद पड़ी चौपाई को प्रारम्भ कराने के साथ दल ने अष्टसखी गांव की महिलाओं को भी होली खेलने के लिए जागरूक किया है।

द्वापरयुग में कृष्ण व उनके सखाओं के साथ बृषभान नंदनी अपनी अष्टसखी ललिता, विशाखा, सुदेवी, चित्रलेखा, इंदुलेखा, तुंगविद्या, चम्पकलता, रंगदेवी के साथ होली खेला करती थीं। उसी प्राचीन स्वरूप को जीवंत करने के लिए क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने अष्टसखी गांव की आठ महिलाओं को होली खेलने के लिए तैयार किया है। यह महिलाएं ऊंचागांव, सुनहरा, चिकसोली, डवाला, रांकोली, आजनोक, करहला व कमई गांव की होंगी। यह महिलाएं होंगी शामिल

डवाला की सरोज शर्मा, रांकोली की कृष्णा शर्मा, ऊंचागांव की लक्ष्मी शर्मा, कमई की कमलेश शर्मा, करहला की बबिता शर्मा, आजनोक की सुमन शर्मा, सुनहरा की सरोज शर्मा, चिकसोली की भावना शर्मा।

बृषभान नन्दनी अपनी अष्टसखियों के साथ कस्बे के कटारा पार्क पर नंदगांव के हुरियारों पर अपनी प्रेमपगी लाठी बरसाती नजर आएंगी। राधाकृष्ण के स्वरूपों की ओर से फूलों की होली भी होगी। क्रांति दल प्राचीन संस्कृति को जीवंत करने में जुटा हुआ है।

पदम फौजी, संस्थापक,

शहीद भगत सिंह क्रांति दल। प्राचीनकाल में राधा अपनी इन्हीं अष्टसखियों के साथ कान्हा व उनके सखाओं के साथ होली खेला करती थी। साढ़े पांच सौ वर्ष पहले श्रील नारायण भट्ट ने भी अष्टसखी गांव की महिलाओं के साथ बरसाना की लठामार होली प्रारम्भ कराई थी, लेकिन बदलते समय के साथ इन गांव की महिलाओं ने रुचि लेना बंद कर दिया था। इसके चलते अष्टसखी गांव की महिलाएं होली खेलना बंद कर दिया।

घनश्यामराज भट्ट, प्रवक्ता

ब्रजाचार्य पीठ ऊंचागांव। हम होली को लेकर बड़ी उत्साहित हैं। पहली बार हमें होली की नायिका बनने का सौभाग्य मिलेगा। इसके लिए तैयारी शुरु कर दी है। आज तक सिर्फ होली देखते थे, लेकिन अब खेलने का मौका मिलेगा। इसको लेकर हम बड़े आनंदित है।

सरोज शर्मा, डवाला। बरसाना की लठामार होली देखते हुए वर्षो बीत गए, लेकिन कभी खेलने का कोई मौका नहीं मिला। जबकि हम भी अष्टसखी गांव से है फिर भी आजतक नंदगांव के हुरियारों पर अपनी प्रेमपगी लाठी बरसाने का सिर्फ सपना ही था। क्रांति दल के सहयोग से पहली बार अष्टसखी गांव की सभी महिलाएं राधारानी की सहचरियों के रूप मे भाग लेंगी।

कमलेश शर्मा, कमई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.